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मांगों की अनदेखी के खिलाफ बिजली कर्मचारियों ने डिवीजन स्तर पर धरना आयोजित किया

Posted by : pramod goyal on : Friday 3 December 2021 0 comments
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 फरीदाबाद,3 दिसम्बर।


आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत कर्मियों की मांगों की अनदेखी के खिलाफ  बिजली कर्मचारियों ने शुक्रवार को डिवीजन स्तर पर धरना आयोजित किया और सरकार व निगम मेनेजमेंट के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में बिजली संशोधन बिल 2021 वापिस लेने, ठेका खत्म कर कच्चे कर्मचारी को पक्का करवाने, पुरानी पेंशन बहाल करवाने, विभागों के निजीकरण पर रोक लगाने आदि मांगों को प्रमुखता से उठाया गया। धरने प्रदर्शन की अध्यक्षता बल्लभगढ़ में रमेशचंद्र तेवतिया, ग्रेटर फरीदाबाद में दिनेश शर्मा, एनआईटी में सुबोध कुमार व ओल्ड फरीदाबाद डिवीजन में प्रधान करतार सिंह ने की। प्रदशनों का संचालन क्रमशः धर्मेंद्र तेवतिया,असरफ खान, गिरीश राजपूत व देवेन्द्र त्यागी ने किया। धरने प्रदर्शनों में यूनिट व सब युनिटों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। प्रदशनों में सर्व सम्मति से पारित किए गए प्रस्ताव में सरकार व निगम मेनेजमेंट को चेतावनी दी कि अगर उनके आंदोलन व मांगों की अनदेखी की गई तो बिजली कर्मचारी आंदोलन तेज करने पर मजबूर होंगे। प्रदशनों को सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर 12 दिसंबर को जिला मुख्यालय पर होने वाले प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर शामिल होने का फैसला लिया गया। प्रदर्शन में आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी,उप प्रधान सुभाष लांबा, पूर्व उपाध्यक्ष सतपाल नरवत, सर्कल सचिव कृष्ण कुमार, पूर्व सर्कल सचिव अशोक कुमार व लज्जा राम, सीसी सदस्य मनोज जाखड़, डालचंद शर्मा, विनोद शर्मा, यूनिट के पूर्व प्रधान पूर्व प्रधान राम भरोसे,परमाल सिंह


प्रदशनों को संबोधित करते हुए आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार बिजली कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली, ठेका प्रथा समाप्त कर ठेका कर्मचारियों को पक्का करने, पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने आदि मांगों का समाधान करने की बजाय बिजली वितरण प्रणाली को निजी हाथों में सौंपने के लिए चालू सत्र में बिजली संशोधन बिल 2021 को पारित कराने पर आमादा है। जिससे सब्सिडी समाप्त हो जाएगी और बिजली महंगी होगी तथा बिजली गरीब व किसान की पहुंच से बाहर हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि बिजली निगमों में वर्कलोड के मुताबिक रेगुलर कर्मचारियों की भारी कमी और ओर आवश्यक संसाधन भी नहीं है। इस कमी को दूर करने किए बिना राईट टू सर्विस एक्ट लागू करना बेमानी है। उन्होंने कहा कि अगर इसमें कर्मचारियों का उत्पीड़न किया तो यूनियन डटकर विरोध करेंगी। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों और अधिकारियों ने करोना जैसी महामारी मे जान जौखिम में डालकर काम करने के कारण ही आज निगमों को धाटे से निजात मिली है और रैंकिंग में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि बिजली निगम मैनेजमेंट ने पिछले वर्ष आम जनता को बेहतर सुविधा देने के लिए नई सब डिवीजन और डिविजनों का निर्माण किया था, लेकिन स्टाफ के अभाव में ये सब डिवीजन अभी तक चालू नहीं हो पाई है । जब नई सब डिवीजन चालू नहीं हो पा रही है तो आरटीएस कैसे समय पर कैसे उपलब्ध होगी। उन्होंने  निगम मैनेजमेंट पर आरोप लगाते हुए कहा कि  स्टोर में समान नहीं ,फील्ड में इंचार्ज / फील्ड स्टाफ नहीं,निगम वाहन पूरे सर्कल मे कहीं पर भी नहीं है। इसके बावजूद भी कर्मचारियों पर नाजायज दबाव बनाया जा रहा है। 

प्रदर्शन में कर्मचारी नेता मदन लाल, चंद्रपाल सैनी, सतपाल जाखड़, कुलबीर राठी, सुनील कुमार, रामकेश, पी के गोयल, परवेश, नीरज कुमार, देवेंद्र कुमार, प्रकाश सिंह, सुरेंद्र शर्मा, मोहम्मद रफी, संदीप तनेजा, तजेंदर सिंह, गौरव कुमार,  हीरो, मनदीप कौशिक, जसराम, सतीश कुमार, मनवर सिंह, पवन कुमार,बाबू राम आदि  मौजूद थे।

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