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फरीदाबाद 7 दिसंबर सिंचाई विभाग के निजीकरण पर रोक लगाने की मांग को लेकर हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन की दोनों ब्रांचों की संयुक्त बैठक कैनाल कॉलोनी के प्रांगण में संपन्न हुई। इसकी अध्यक्षता सिविल ब्रांच के
प्रधान देवी सिंह और मैकेनिकल ब्रांच के प्रधान अमित कुमार ने संयुक्त रूप से की। बैठक को संबोधित करते हुए यूनियन के पूर्व प्रधान वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि सरकार की निजीकरण की नीतियों के परिणाम स्वरूप ही सिंचाई विभाग का पुराना स्वरूप बदलते जा रहा है। जहां पहले नहर के दोनों तट बंधो और पंप हाउसों के संचालन और रखरखाव के कार्यों को करने के लिए लिए कर्मचारियों का बहुत बड़ा अमला काम पर लगाया जाता था। जब से सरकार ने डाउनसाइजिंग द डिपार्टमेंट की नीतियों को अपनाया तब से ही सभी प्रकार के कार्यों को ठेकेदारों से ही करवाया जा रहा है। पहले सिंचाई विभाग की वर्कशॉप पर नहर के गेटों के निर्माण और उनकी रिपेयरिंग के कार्य होते थे। अब पंप हाउस पर लगी हुई मोटर की मेंटेनेंस भी ठेकेदारों से करवाई जा रही है।जिसकी वजह से सरकार के खजाने को काफी अधिक राजस्व का नुकसान हो रहा है। यूनियन ने मांग की है कि विभाग में कर्मचारियों की भर्ती की जाए। बढ़ते हुए वर्क लोड के अनुसार सैकड़ों नए पद स्वीकृत किए गए। कैशलेस मेडिकल फैसिलिटी दी जाए। कर्मचारियों को एलटीसी प्रदान की जाए। बैठक में सर्व कर्मचारी संघ के आव्हान पर आगामी 12 दिसंबर को उपायुक्त कार्यालय के समक्ष होने वाले हल्ला बोल कार्यक्रम में भाग लेने का प्रस्ताव भी पास किया गया। बैठक को संबोधित करते हुए यूनियन के प्रांतीय उप कोषाध्यक्ष अतर सिंह ने बताया कि विभाग के अधिकारी सिंचाई के अन्य श्रेणी के कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी कर रहे। डीसी रेट पर लगे हुए कर्मचारियों का वेतन का भुगतान समय पर नहीं होता है। आउटसोर्सिंग की पॉलिसी को सरकार तेजी से लागू कर रही हैं। मीटिंग को एचआईसीए के जिला सचिव हरीश नागपाल ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त के बाद कर्मचारी भर्ती नहीं किए जा रहे हैं। जिसकी वजह से कार्य का भार दूसरे कर्मचारी पर पड़ता जा रहा है। बैठक जिला प्रधान जगदीश चंद्र, जिला सचिव राजकुमार, मोहन, मैकेनिकल ब्रांच के सचिव राजपाल, पूर्व चेयरमैन नेमचंद चौहान, हुकम धतीर ने भी संबोधित किया।
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