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फरीदाबाद 26 नवंबर देश के किसान आंदोलन के समर्थन में आज शुक्रवार को सीटू, एटक, और सर्व कर्मचारी संघ के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने उपायुक्त कार्यालय के सम्मुख जोरदार प्रदर्शन किया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार तीनों संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ता हुड्डा के ओपन एयर थिएटर में एकत्रित हुए। यहां पर एक सभा का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता एटक के जिला आरएन सिंह, सीटू के जिला प्रधान निरंत
र पराशर और सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान अशोक कुमार ने संयुक्त रूप से की। जबकि संचालन सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने किया। सभा को संबोधित करते हुए एटक के महासचिव बेचू गिरी ने केंद्र सरकार पर देश के किसानों के आंदोलन की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए बताया कि आज ही के दिन तीनों काले कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर 26 नवंबर 2020 को किसानों ने दिल्ली चलने का आह्वान किया था। लेकिन सरकार ने किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए तमाम प्रकार के हथकंडे अपनाए। लेकिन किसानों की एकता के आगे सरकार की सारी योजनाएं विफल हो गई। और देश का किसान राजधानी के चारों और धरने पर बैठ गया। अब किसान आंदोलन अपने ऐतिहासिक संघर्ष का 1 साल पूरा कर चुका है। संघर्ष के एक साल में यह आंदोलन पूरे देश में फैल गया। यहां पर उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए सीटू के जिला उप प्रधान विजय झा ने सरकार पर सार्वजनिक क्षेत्रों को बेचने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार देश की संपत्तियों को ओने पौने दामों पर बेच रही है। महंगाई लगातार बढ़ रही है। इस पर लगाम लगाने पर सरकार विफल हो रही है।सर्व कर्मचारी संघ के जिला सेक्रेटरी बालवीर बालगुहे र ने भी सरकार पर कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए बताया कि सरकार कर्मचारियों की सेवा पर आधारित पेंशन को समाप्त कर रही है।सभी विभागों में ठेका प्रथा को लागू किया जा रहा है। कई वर्षों से कच्चे कर्मचारियों को रेगुलर करने के लिए नीतियां नहीं बनाई जा रही है सभा को नगर निगम के जिला प्रधान गुरुचरण खंडिया ने भी संबोधित किया। उन्होंने बताया कि सरकार केंद्रीय परियोजनाओं के तहत काम करने वाली आशा वर्कर मिड डे मील वर्करों और आंगनवाड़ी वर्करों और सहायिकाओं की घोर उपेक्षा की जा रही है। सभा के बाद सभी प्रदर्शनकारी नारे लगाते हुए उपायुक्त कार्यालय के सम्मुख पहुंचे। प्रदर्शनकारियों के हाथों में बैनर व यूनियनों के झंडे थे। प्रदर्शनकारी सरकार से तीन कृषि काले कानून वापस लो, चार लेबर कोड्स को रद्द करो, किसानों पर बनाए गए झूठे मुकदमे रद्द करो और आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को पर्याप्त मुआवजा दो के नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों को एटक बैजू सिंह, मिथिलेश कुमार, सीटू के के पी सिंह शिवप्रसाद, हेमलता, कमलेश, सुधा पाल ने भी संबोधित किया।
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