फरीदाबाद 26 अक्टूबर फरीदाबाद जिले की सैकड़ों आगनबाड़ी वर्करो और सहायिकाओं ने अपनी लंबित मांगों को पूरा करने की मांग को लेकर आज मंगलवार को उपायुक्त कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के मार्फत प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम 13 सूत्री मांगों का ज्ञापन सीटीएम श्री पुलकित मल्होत्रा को सौंपा गया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार फरीदाबाद जिले की समस्त आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर सेक्टर 12 स्थित लघु सचिवालय के सामने पार्क में एकत्रित हुई। यहां पर हुई सभा की अध्यक्षता जिला प्रधान देवेंद्र री शर्मा ने की जबकि संचालन जिला सचिव मालवती ने किया। सभा को संबोधित करते हुए सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद् सिंह डंगवाल ने बताया कि जब तक आंगनवाड़ी वर्करों को स्मार्ट फोन नहीं किए जाते हैं। तब तक उन पर पोषण ट्रक ऐप डाउनलोड करने का दबाव नहीं बनाया जाए।सरकार ऑनलाइन काम करने के लिए 500 रुपए फोन रिचार्ज के लिए भी नहीं देती है। अधिकारियों ने सभी वर्करो को इसका प्रशिक्षण
देने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक इनको ट्रेनिंग नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जब तक यह सुविधा नहीं दी जाती है। तब तक ऑनलाइन काम करने का दबाव सरकार के द्वारा नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर के मानदेय का भुगतान हर महीने की 7 तारीख को करने, आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर को महंगाई भत्ता देने, उन्होंने बताया कि जब सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता मिल सकता है। तो आंगनवाड़ी वर्करों एवम् हेल्परो को भी महंगाई भत्ते से वंचित रखना तर्कसंगत नहीं लगता है। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों का बकाया किराए का शीघ्र भुगतान करने, इनका किराया बढ़ाने, आंगनबाड़ी सेंटरों पर समय पर राशन पहुंचाने के साथ साथ आंगनवाड़ी वर्करों और सहायिकाओं को सेवानिवृत्त के लाभ देने। आंगनवाड़ी वर्कर को सुपरवाइजर के पदों पर प्रमोशन करने, प्रत्येक आंगनवाड़ी सेंटर पर पीने के पानी का इंतजाम करने पंखे, झाड़ू, अलमारी,और तमाम जरूरी सामान देने की मांग पर जोर दिया। देवेंद्र री शर्मा और मायावती ने बताया कि बताया कि एनआईटी नंबर वन के सेंटरों के किराए का भुगतान दो साल से नहीं हो रहा है। मकान मालिक वर्करों को परेशान कर रहे हैं। लेकिन विभाग के अधिकारी बजट नहीं होने का बहाना बनाकर मसले को हल नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल पहले वर्ष 2018 में देश के प्रधानमंत्री ने आंगनवाड़ी वर्करों के मानदेय में पंद्रह सौ रुपए और हेल्पर्स के मानदेय में साढे सात सौ रुपए की बढ़ोतरी की घोषणा की थी। लेकिन हरियाणा की सरकार ने इस बढ़ी हुई राशि को नहीं दे रही है। जबकि कई राज्यों ने इसको लागू कर दिया है। हरियाणा सरकार की इस टालमटोल की नीति के कारण आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्पर में भारी नाराजगी व्याप्त है।
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