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वायदे पर अमल न होने सेआक्रोशित पीटीआई ने डीसी आफिस पर प्रदर्शन किया

Posted by : pramod goyal on : Wednesday 6 October 2021 0 comments
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 फरीदाबाद,6 अक्टूबर । 


बर्खास्त पीटीआई को स्पेशल स्कूल स्पोर्ट्स असिस्टेंट के पदों पर समायोजन करने के वायदे के एक साल बीत जाने पर भी अमल न होने से आक्रोशित पीटीआई ने बुधवार को डीसी आफिस पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीसी को सौंपा गया। जिसमें 6 अक्टूबर,2020 को किए वादे पर अमल करते हुए बर्खास्त पीटीआई को समायोजित करने और मृतक आश्रितों के आश्रितों को बंद की गई मासिक एक्स ग्रेसिया वित्तीय सहायता को बहाल करने की मांग की गई है। गुरुग्राम मंडल की प्रधान पुष्प लता की नेतृत्व में आयोजित इस धरने प्रदर्शन में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, जिला प्रधान अशोक कुमार,खंड प्रधान करतार सिंह व हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला प्रधान भीम सिंह, शारीरिक शिक्षक संधर्ष समिति के पदाधिकारी मेडम सुशीला यादव, संतोष कुमार चपराना, बीरेंद्र सिंह बिधूड़ी व अजय कुमार यादव मौजूद थे। प्रदर्शन में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बेनर तले बिजली व एचएसवीपी सहित विभिन्न विभागों के सैकड़ों पदाधिकारी शामिल हुए और आंदोलन के साथ एकजुटता प्रकट की। प्रदर्शन में सर्व सम्मति से पारित किए गए प्रस्ताव में बर्खास्त एवं छंटनी ग्रस्त कर्मचारियों की बहाली की मांग को लेकर सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर 31 अक्टूबर को सीएम सिटी करनाल में आयोजित प्रदर्शन में बढ चढकर शामिल होने का फैसला लिया गया।


सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बर्खास्त पीटीआई को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की वादाखिलाफी के चलते 1606 बर्खास्त पीटीआई के परिवार आज भूखमरी के कागार पर आ गए हैं। ट्यूशन फीस न भर पाने से बच्चों के स्कूलों से नाम कट चुके हैं और दुकानदारों ने अब उधार में राशन देना बंद कर दिया है। जानलेवा बिमारी के ग्रस्त 42 पीटीआई दवाईयां न खरीद पाने से जिंदगी व मौत से जूझ रहे हैं। कर्जे की किस्त जमा न हो पाने के कारण बैंकों द्वारा बनाए जा रहे दबाव से बर्खास्त पीटीआई पर मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है। परिवार के सामने भूखा मरने की नौबत आ जाने के चलते असाहय बर्खास्त पीटीआई पर मानसिक तनाव तेजी से बढ़ रहा है। जिसके कारण अब तक 20 बर्खास्त पीटीआई हर्ट अटैक से मौत के मुंह में जा चुके हैं। 

कर्मचारियों को संबोधित करते हुए शारीरिक शिक्षक संधर्ष समिति की गुरुग्राम कमीशनरी की प्रधान पुष्प लता, संतोष कुमार चपराना, बीरेंद्र सिंह बिधूड़ी व अजय कुमार यादव ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार द्वारा रिक्त पदों बारे माननीय सर्वोच्च न्यायालय में दी गई गलत जानकारी के कारण भर्ती रद्द करने के आदेश के उपरांत शिक्षा विभाग ने दस साल की संतोषजनक सेवा पूरी कर चुके 1829 पीटीआई को 2 जून,2020 को बर्खास्त कर दिया था। लंबे आंदोलन के बाद बरोदा उप चुनाव से पहले बर्खास्त पीटीआई के प्रतिनिधिमंडल की 6 अक्टूबर,2020 को मुख्यमंत्री के साथ चंडीगढ़ में उनके आवास पर मुलाकात हुई। इस मुलाकात में सीएम ने कहा कि बर्खास्त पीटीआई निर्दोष है, इसलिए आपके चूल्हे ठंडे नहीं होने दिए जाएंगे। सरकार ने बर्खास्त पीटीआई को शिक्षा विभाग में स्पेशल स्कूल स्पोर्ट्स असिस्टेंट पदों पर समायोजित करने के लिए आश्वासन दिया गया था। मीटिंग में विधवाओं की बंद की गई एक्स ग्रेसिया मासिक वित्तीय सहायता को भी जारी रखने का आश्वासन दिया गया। लेकिन एक साल बीत जाने के बावजूद सरकार ने अपने वादे को पूरा नहीं किया। जिसके कारण बर्खास्त पीटीआई के परिवार भूखमरी के कागार पर आ चुके हैं। 
उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी संवेदनाओं को तिलांजलि देते हुए दस सालों में मृत्यु हुए 52 पीटीआई की विधवाओं को मिल रही एक्स ग्रेसिया मासिक वित्तीय सहायता तक को बंद कर उनके परिजनों को भूखा मरने के लिए छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि इस भर्ती में 57 उम्मीदवार ऐसे थे,जो दूसरे विभागों से स्थाई नौकरी से त्याग पत्र देकर पीटीआई लगे थे। इस भर्ती में चयनित 29 महिला उम्मीदवार विधवा हो चुकी है। उनका रोजगार चले जाने की वजह से उनके परिवार का भरण पोषण नहीं हो पा रहा है। सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ बर्खास्त पीटीआई व उनके परिजनों सहित सभी विभागों के कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश है।

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