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फरीदाबाद जिला में डेंगू के 157 मामले सामने आए

Posted by : pramod goyal on : Saturday 16 October 2021 0 comments
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 फरीदाबाद,16 अक्टूबर। उपायुक्त जितेंद्र यादव ने कहा कि जिला में डेगूंवायरल और मलेरिया बुखार के बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी हिदायतों की पालना जरूरी है। नियमों की पालना करके स्वयं की सुरक्षा करें अन्य लोगों को सुरक्षित रखने में भागीदारी सुनिश्चित करें।

  उपायुक्त जितेन्द्र यादव ने बताया कि जिला में आईडीएसपी लैबब्लड बैंक और मॉलिक्यूलर लैब में तीन एलिसा रीडर काम कर रहे हैं। जिला में स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा 17784 हमने नमूने लिए हैं। हमारे जिला में इनका परीक्षण करने उपरांत अब तक डेंगू के 157 मामले सामने आए हैं।

 मलेरिया के लिए हमारे द्वारा किए गए परीक्षणों की कुल संख्या 53292 है। इनमें स्लाइड्स के 44454 और आरडीटी के 8738 टेस्ट शामिल हैं। अबतक जिला में   मलेरिया के केवल 9 मामले ही सामने आए हैं।

  उपायुक्त जितेन्द्र यादव ने कहा कि  मौसम में मच्छरों से डेंगू,वायरल व मलेरिया जैसी अनेकों बिमारियां फैलने का खतरा बना रहता है। यद्यपि जिला में स्वास्थ्य विभाग आमजन के स्वास्थ्य के लिए गंभीरता से इसके बचाव के लिए  प्रयासरत हैफिर भी नागरिकों को इन बिमारियों से बचने के लिए सचेत एवं जागरूक रहने की आवश्यकता है।

 उन्होंने कहा कि इन्हीं दिनों में पर्यावरण में मच्छरों का प्रकोप बढ़ता है और ज्यादातर लोग मलेरियावायरल बुखार के शिकार हो जाते हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए उपायुक्त जितेंद्र यादव ने नागरिकों से आग्रह करते हुए कहा कि वे स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। अपने घरों के आसपास पानी जमा न होने दें। सभी गड्ढों को मिट्टी से भर दें और रुकी हुई नालियों को साफ रखें। यदि आपके घर में या आसपास पानी जमा होने से रोकना संभव नहीं है तो उसमें पेट्रोल या कैरोसिन ऑयल डालें। सभी रूम कूलरोंफूलदानों का सारा पानी हफ्ते में एक बार और पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज पूरी तरह से खाली करें और उन्हें सुखाए और फिर भरेंघर में टूटे-फूटे डिब्बेटायरबर्तनबोतलें आदि न रखेंअगर रखें तो उसे उल्टा करके रखें।

उन्होंने कहा कि डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैंइसलिए पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद करके रखें। अपने घरों में सप्ताह में एक बार मच्छर नाशक दवाई का छिड़काव अवश्य करें।

 उपायुक्त जितेंद्र यादव ने बताया कि जिला में ब्रीडिंग चेकरफील्ड वर्कर द्वारा घर-घर जाकर मलेरिया उन्मूलन संबंधि मच्छर के लारवा की ब्रीडिंग चेक की जा रही है और ब्रीडिंग पाए जाने पर तुरंत प्रभाव से टीमों द्वारा टेमिफोस की दवाई डलवाकर लारवा को नष्ट किया जा रहा है। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे हर रविवार को सभी लोग ड्राइ डे (शुष्क दिवस) के रूप मे मनाएंजिस दौरान घर के सभी कूलर व टंकियों को अच्छी तरह से कपड़े से रगड़कर साफ कर लेंफ्रिज की ट्रे का पानी जो बिजली जाने के बाद फ्रिज की बर्फ के पिघलने से ट्रे में एकत्रित होता हैउसको जरूर साफ करें।  क्योंकि फ्रिज की ट्रे के साफ पानी में डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर की उत्पत्ति होती है। घर मे प्रयोग किए जा रहे एसी के पानी को एकत्रित न होने दें।  

उपायुक्त ने आमजन से अपील की है कि वे सभी को रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें व दिन के समय पूरी बाजू के कपड़े पहनें। जिससे मच्छर के काटने से बचा जा सके।

 मलेरिया के जिला नोडल अधिकारी डाँ रामभक्त ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने सभी 44 नियोजन इकाइयों यानी स्वास्थ्य संस्थानों के लिए वेक्टर जनित रोगों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं। इन नोडल अधिकारियों के अधीन क्षेत्र नियोजन इकाई वार वितरण भी किया गया है। जिला स्तर पर और पीएचसी स्तर तक आरआरटी का गठन किया है।

 उपायुक्त जितेन्द्र यादव की अध्यक्षता में डीएलएमडब्ल्यूसी की बैठक हुई है। आईएमए और निजी कॉरपोरेट अस्पतालों के साथ भी दो बैठकें होती हैं। नागरिक अस्पताल में 18 बेड का डेंगू वार्ड स्थापित है। जिसमें 8 मरीज भर्ती हैं।  इसकी बेड कैपेसिटी जरूरत के हिसाब से बढ़ाई जाएगी। उन्होंने आगे बताया कि ब्लैड बैंक नागरिक अस्पताल बीके में ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर यूनिट कार्यरत है। जिला में आपातकालीन उपयोग के लिए 10-15 आरडीपी का एक पूल बनाए हुए हैं।ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में किसी भी आपातकालीन मांग को पूरा करने के लिए हमारे पास 70 एसडीपी किट आरक्षित हैं। जिला में निजी अस्पतालों और ब्लड बैंकों में 13 अन्य एफेरेसिस इकाइयाँ हैं। जिनमें 253 एसडीपी किट उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि

स्रोत न्यूनीकरण गतिविधियों के लिए एनआईटी एकएनआईटी दोओल्ड फरीदाबाद और बल्लभगढ़ क्षेत्रों में प्रत्येक में 10-10 टीमें प्रजनन की जांच और स्लाइड तैयार करने के लिए एक एमपीएचडब्ल्यू और एक यूएमएस कार्यकर्ता के साथ सक्रिय की हैं।  इन टीमों द्वारा अब तक जिला के 190175 घरों की जांच की गई है। विभिन्न क्षेत्रों में पाए जाने वाले प्रजनन के लिए 4118 नोटिस जारी किए गए हैं।

 उन्होंने बताया कि लार्वा को खोजने और नष्ट करने के लिए गहन निगरानी के लिए 10 ब्रीडिंग चेकर्स भी नियुक्त किए हैं। फॉगिंग के लिए हम एमसीएफ कार्यालय के संपर्क में हैं। इसके लिए जिला में 5 वाहन लगे हैं। मच्छर घनत्व के अनुसार क्षेत्रों को कवर करने के लिए 35 हाथ से संचालित मशीनें अलग से लगाई गई है। इसके अलावा जिला में 145 स्थायी जल निकाय हैं। जिनमें गंबुसिया मछली की नियमित जांच की जा रही है। आवश्यकता के अनुसार और भी छोड़े जाते हैं।

  उन्होंने बताया कि मच्छरों से मलेरिया और डेंगू जैसी फैलने वाली बिमारियां का खतरा  ज्यादा खतरा है। नागरिक मच्छरनाशक दवाई का करवाएं छिड़कावअपने घरों के आसपास रखें साफ-सफाई रखें।

  उन्होंने बताया कि मलेरिया के शुरूआती लक्षणों में तेज ठंड के साथ बुखार आनासर दर्द होना व उल्टियों का आना है। इसलिए कोई भी बुखार आने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर मलेरिया की जांच करवाएं और अगर मलेरिया जांच में पाया जाता है तो उसका 14 दिन का इलाज स्वास्थ्यकर्मी की देख रेख में करे।

 एसएमओ कम् मलेरिया के जिला नोडल अधिकारी डाँ रामभक्त ने बताया कि एमसीएफ क्षेत्रों में पाए जाने वाले लार्वा प्रजनन के लिए लगभग 3850 घरों में जारी करके उन्हें जुर्माना भी किया गया है और इसकी दैनिक रिपोर्टिंग तथा रिकार्डिंग भी की जा रही है।

डाँ रामभक्त ने बताया कि एमसीएफ के  कुछ क्षेत्रों में एमसीएफ और स्वास्थ्य कर्मचारियों की संयुक्त यात्राएं की जा रही हैं। वहां पर बीमारियों के नियंत्रण के लिए  फॉगिंग करवाई जा रही है।

 नगर निगम के क्षेत्राधिकार में आने वाले नलकूपों और पार्कों के आसपास के क्षेत्र में सफाई अभियानसड़कोंपार्कोंखाली भूखंडोंसामुदायिक क्षेत्रों और कार्यालयों जैसे सभी सामान्य क्षेत्रों के रखरखाव की जिम्मेदारी तय की गई है। डाँ रामभक्त ने बताया कि ड्रेनेज बरसात के मौसम में उचित और समय पर जल निकासी सुनिश्चित की गई है। यदि कोई अधिकारी और कर्मचारी ने देरी करता हैतो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्वाही की जाएगी। इसके अलावा काला तेल या टेमीफोस छोड़ना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि वेक्टर और जल जनित रोगों के बारे में आम जनता को शिक्षित और प्रेरित करने के लिए स्वास्थ्य और एमसीएफ के कर्मचारी पार्षदों के साथ समन्वय स्थापित करें। दोनों विभागों से क्षेत्रवार फील्ड स्टाफ की सूची साझा करें ताकि प्रत्येक स्तर पर तालमेल और समन्वय सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने बताया कि वेक्टर एवं जल जनित रोगों के नियंत्रण एवं उनकी जिम्मेदारी तय करने के लिए क्षेत्रवार नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। फरीदाबाद में क्लोरीनीकरण - सभी क्लोरीनेटरों का निरीक्षण किया जा रहा है कि वे ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं।

 डाँ रामभक्त ने बताया कि स्लम क्षेत्रों में दैनिक जल आपूर्ति सुनिश्चित करें। क्योंकि हर तीन या चार दिनों के बाद आपूर्ति की रिपोर्ट होती हैइससे स्लम क्षेत्रों में निवासियों द्वारा पानी का भंडारण होता है जिससे लार्वा प्रजनन होता है। एंटी लार्वा वेक्टर नियंत्रण गतिविधियों के बारे में भी आम जनता को जागरूक किया जा रहा है।


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