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अखिल भारतीय गौ सेवा विभाग के वरिष्ठ मार्गदर्शक शंकर लाल ने कहा कि विश्व की गौरवमयी प्राणी गौ माता भारतीय संस्कृति का मूल आधार है उसके गोबर व गौ अर्क से असाध्य रोगों का ईलाज संभव है। कई बीमारियां तो गाय माता के स्पर्श मात्र से ही दूर हो जाती हैं। हमारी संस्कृति में गर्व और गौरव का प्रतिरूप गाय- गंगा- गीता हमेशा से महत्वपूर्ण रहीं हैं। स
र्व समाज में इनकी उपयोगिता और स्वीकारीयता को कम करके नहीं आंका जा सकता है।
सेक्टर- 11 स्थित अग्रवाल सेवा सदन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय गौ सेवा विभाग टोली के सदस्य श्रीमान शंकरलाल ने मुख्य वक्ता के रूप में उपरोक्त वक्तव्य अपने उद्बोधन के दौरान व्यक्त किए। श्रीमान शंकर लाल ने बताया कि गौ माता पूजनीय है। इसका एक एक अंग असाध्य बीमारियों के ईलाज में राम बाण सिद्ध हुआ है। वैश्विक महामारी कोरोना, कैंसर, बढे हुए एवं निम्न रक्तचाप, बुखार, खांसी, जुकाम, नजला, नकसीर, कमर, कंधे एवं सिरदर्द, थाइराइड तथा अन्य असाध्य बीमारी के ईलाज के लिए गाय का घी, गौ अर्क, गोबर का लेप और गाय का स्पर्श बहुत उपयोगी है।
उन्होंने अपने उद्बोधन के उपरांत उपस्थित जनों की जिगासा के समाधान सत्र में कई अन्य बीमारियों के ईलाज के घरेलु उपचार बताए। जिसमें घुटने का दर्द, कंधे का दर्द, कमर दर्द, प्रसव दर्द के अतिरिक्त साधारण प्रसूति संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी दी।
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