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राज्य सूचना आयोग (एसआईसी) ने अपने एक आदेश में कहा है कि प्राइवेट स्कूल आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना देने से मना नहीं कर सकते हैं। एसआईसी के इस आदेश की पालना में विद्यालय शिक्षा निदेशालय पंचकूला ने 3 सितंबर को सभी जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर कहा है कि राज्य सूचना आयोग ने प्राइवेट स्कूलों की इस दलील, कि वे प्राइवेट संस्था है अतः सूचना देने के लिए बाध्य नहीं हैं को खारिज कर दिया है। अतः आरटीआई के द्वारा प्राइवेट स्कूलों के बारे में मांगी गई सूचना व
जानकारी प्राइवेट स्कूलों से उपलब्ध करके आवेदक को दी जाए। जो स्कूल सूचना देने में आनाकानी करें या मना करें तो शिक्षा निदेशालय के आदेशों को न मानने के कारण स्कूल की मान्यता वापस लेने बारे "शो कॉज नोटिस" जारी कर दिया जाए।
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन आईपा के जिला अध्यक्ष एडवोकेट बीएस विरदी ने कहा है कि केंद्रीय सूचना आयोग, उच्चतम न्यायालय व पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय भी इस बारे में कई बार आदेश जारी कर चुका है उसके बावजूद जिला शिक्षा अधिकारी प्राइवेट स्कूलों से आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी मांगने में अपने आपको असमर्थ व असहाय मानता है। मंच का कहना है कि आम जनता की सुख सुविधा के लिए बनाए गए पार्क व ग्रीन बेल्ट की सरकारी जमीन को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण हुडा विभाग ने प्राइवेट स्कूल संचालकों को कौड़ियों के भाव बहुत ही रियायती दर पर 99 के साल के पट्टे पर स्कूल खोलने के लिए दे दिया है। पूरे हरियाणा में 300 से ज्यादा और फरीदाबाद में 60 से ज्यादा ऐसे प्राइवेट स्कूल हैं जो हुडा की जमीन पर बने हैं और वे ही सबसे ज्यादा शिक्षा का व्यवसायीकरण कर रहे हैं। सरकार से सस्ती और रियायती दर पर जमीन प्राप्त करके स्कूल खोलने वाले संचालक तो किसी भी हालात में आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना और जानकारी देने से मना कर ही नहीं सकते हैं। मंच ने जिला शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद से कहा है कि शिक्षा निदेशालय पंचकूला से आए इस आदेश का पूरी तरह से पालन करें।
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