डी.ए.वी. शताब्दी महाविद्यालय, फरीदाबाद में महाविद्यालय के *नॉलेज ग्रुप* एवं *करियर तथा प्लेसमेंट सेल* के तत्वाधान से कॉलेज के ही *IQAC HALL* में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी एवं साथ ही उद्यमिता के क्षेत्र में भी अनंत सम्भावनाओं पर एक द्विसत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
यह सर्वविदित है कि सिविल सेवा प्रतियोगी परीक्षा जिसके द्वारा प्रतिवर्ष *IAS, IPS , IFS* एवं अन्य अलाइड सेवाओं के लिए UPSC द्वारा चयन किया जाता है। इस कार्यशाला में सिविल सेवा (Civil Services) प्रतियोगिता परीक्षा एवं उसकी विस्तृत तैयारी सुनिश्चित करने हेतु जानकारी दी गयी। इसके अलावा छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमिता (entrepreneurship) तथा स्टार्ट अप (startup) के लिए भी एक्सपर्ट्स के द्वारा जानकारी दी गयी | आरम्भ में कार्यक्रम के संयोजक *डॉ नीरज सिंह* ने कार्यशाला में उपस्थित सभी छात्र- छात्राओं , शिक्षकों का स्वागत किया और कार्यक्रम के रूपरेखा व उद्देश्य की जानकारी दी। उन्होंने कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के तौर पर आईं सुश्री आशा सैनी (सिविल सेवा कोचिंग तथा ट्रेनिंग एक्सपर्ट) एवं सुश्री अलका ओझा (सीनियर HR एग्जीक्यूटिव , जंबो कंसल्टेंट्स) का स्वागत किया और बताया कि ये महाविद्यालय के लिए गर्व का विषय है कि *आशा सैनी तथा अलका ओझा* दोनों पूर्व में इसी महाविद्यालय की मेधावी छात्राएं रह चुकी हैं। आशा सैनी ने पहले डी ए वी की छात्रा के रूप में भी अनेक प्रतियोगिताओं जैसे कि वाद विवाद , संभाषण, कविता पाठ, थिएटर इत्यादि में जिला , राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर अनेक बार पुरस्कृत हो चुकी हैं | कार्यक्रम के शुरुआत में कॉलेज की कार्यकारी *प्राचार्या डॉ सविता भगत* ने छात्र- छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के तकरीबन सभी राज्यों से युवा प्रतिवर्ष सिविल सेवा परीक्षा
ओं की तरफ आकर्षित होते हैं और आज भी सिविल सेवा का रुतबा और रुझान अन्य सभी प्रतियोगिताओं से भिन्न है। सीटें काफी कम होने और प्रतिभागी संख्या अधिक होने के कारण यह परीक्षा काफी कठिन मानी जाती है। इसीलिये युवाओं को शामिल होने से पहले या निर्णय लेने से पहले अच्छे से सोच - विचार कर लेना चाहिए । आपसी प्रतिस्पर्धा के कठिन दौर में काफी सुनियोजित ढंग से उन्हें इसकी तैयारी करनी होगी तथा जो युवा समय की मांग को समझते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू करना चाहते हैं उन सभी को अपने संसाधनों का उचित इस्तेमाल करते हुए अनुभवी मार्गदर्शन के साथ सुनियोजित ढंग से पढ़ाई करनी होगी तभी वे अपने इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे | डी ए वी महाविद्यालय उनका मार्गदर्शन करता रहेगा और अपने छात्रों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी चाहे वो पुस्तकालय में इससे संबंधित पुस्तकें हो अथवा विशेष व्याख्यान हों , वह मुहय्या कराने में महाविद्यालय सदैव तत्पर रहेगा ।
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