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खेती योग्य भूमि में मैपिंग का कार्य निर्धारित समय पर करें पूरा - उपायुक्त जितेंद्र यादव

Posted by : pramod goyal on : Tuesday 24 August 2021 0 comments
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 फरीदाबाद, 24 अगस्त। उपायुक्त जितेन्द्र यादव ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार जिला के सभी गांव में अभी तक खेती की भूमि का मैपिंग कार्य आनलाइन किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि कृषि भूमि मैपिंग का कार्य बहुत ही अहम कार्य है। इस कार्य के माध्यम से पूरे जिला की खेती व्यवस्था की पूरी जानकारी ऑनलाइन करनी है। इसलिए इस कार्य में लगे जो भी अधिकारी और कर्मचारी हैं वे गंभीरता के साथ कार्य करें और इस कार्य की मॉनिटरिंग कर रहे अधिकारी भी इस कार्य को नियमित रुप से चैकिंग अवश्य करते रहें ताकि प्रदेश सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार इस कार्य को सही तरीके से बेहतर रूप से पूरा किया जा सके।

    उपायुक्त जितेंद्र यादव ने कहा कि जिला फरीदाबाद की खेती भूमि वास्तविक स्थिति बारे सरकार को अवगत करवाना है। जिला उपायुक्त जितेंद्र यादव ने बताया कि जिला में 192 गांव है। इनमें 1813185 एकड़ कृषि भूमि है।

 उन्होंने बताया कि जिला में 100 प्रतिशत खेती योग्य भूमि की मैपिंग का कार्य उप कृषि निदेशकजिला विकास एवं पंचायत अधिकारीजिला विपणन कार्यकारी अधिकारीजिला राजस्व अधिकारीजिला उद्यान अधिकारीतहसीलदार व नायब तहसीलदार के फील्ड स्टाफ द्वारा किया जाना है। कृषि विभाग के फील्ड अधिकारीपटवारी व नम्बरदारों के साथ मिलकर प्रत्येक गांव के किस एकड़ में क्या-क्या फसल बिजाई गई है। उसकी जानकारी intra.ahtihhryana.gov.in पर जाकर इन्ट्ररी कर रहे है। वे समयबद्ध कार्य को पूर्ण रूप से करें। आपस में तालमेल रखते हुए कार्य करें। इस कार्य की अन्तिम तिथि आगामी

31 अगस्त है। जिला उपायुक्त ने कहा कि जिला खेती योग्य भूमि मैपिंग से ही यह वास्तविक जानकारी प्राप्त होगी कि किस फसल का कितना-कितना रकबा है। उसी हिसाब से मण्डियों की व्यवस्था की जायेगी। उप कृषि निदेशकजिला विकास एवं पंचायत अधिकारीजिला विपणन कार्यकारी अधिकारीजिला राजस्व अधिकारीजिला उद्यान अधिकारीतहसीलदार व नायब तहसीलदार भी हर खण्ड की 30-30 एकड़ जमीन की वैरिफिकेशन करना भी सुनिश्चित करें।

   जिला उपायुक्त ने कहा कि इस कृषि भूमि की मैंपिंग के साथ-साथ मेरा पानी मेरी विरासत के लाभार्थियों की भी पुष्टि की जा सकेगी। पुष्टि के उपरान्त ही 7000/-रु0 प्रति एकड़ या 4000/-रु० प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि किसानों को दी जाएगी।

 उन्होंने बताया कि धान के स्थान पर अन्य फसलो की बिजाई वाले किसानोंबाजरा के स्थान पर दलहन व तिलहन की फसले बोने वाले किसानों का  पंजीकरण करवाया जा रहा है।


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