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“कानूनी सेवाओं की गुणवत्ता सभी के लिए न्याय तक पहुंच की कुंजी है” अभियान का शुभारम्भ

Posted by : pramod goyal on : Tuesday 3 August 2021 0 comments
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 फरीदाबाद, 3 अगस्त। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं सीजेएम मंगलेश कुमार चौबे ने बताया कि हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वर्ष भर चलने वाले अभियान कानूनी सेवाओं की गुणवत्ता सभी के लिए न्याय तक पहुंच की कुंजी है/Quality of Legal Services is Key to Access to Justice For All का शुभारम्भ  गत एक अगस्त से किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष भर चलने वाले अभियान कानूनी सेवाओं की गुणवत्ता सभी के लिए न्याय तक पहुंच की कुंजी है/ Quality of Legal Services is Key to Access to Justice For All का शुभारम्भ  न्यायमूर्ति उदय उमेश ललितन्यायाधीशभारतीय उच्चतम न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्षराष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किया गया। न्यायमूर्ति रवि शंकर झामुख्य न्यायाधीशपंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षकहरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण,  न्यायमूर्ति जसवंत सिंहन्यायाधीशपंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय एवं प्रशासनिक न्यायाधीशसत्र प्रभागगुरूग्रामन्यायमूर्ति राजन गुप्तान्यायाधीशपंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्षहरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणन्यायमूर्ति अजय तिवारीन्यायाधीशपंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्षपंजाब राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणन्यायमूर्ति ऐ.जी. मसीहन्यायाधीशपंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय एवं अध्यक्षउच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति तथा राजीव अरोड़ाआईएएसअतिरिक्त मुख्य सचिवगृह विभागहरियाणा ने इसकी शोभा बढ़ाई।

  इस कार्यक्रम में अशोक जैनसदस्य सचिवराष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरणसंजीव बेरीरजिस्ट्रार जनरलपंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालयचण्डीगढ़पुनीत सहगलनिदेशकराष्ट्रीय व न्यायमूर्ति उदय उमेश ललितन्यायाधीशभारतीय सर्वोच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा परियोजनाओं की एक श्रृंखला का शुभारम्भ किया गया। इन परियोजनाओं में समर्पित वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग और कानूनी सहायक वकील व कानूनी सहायता प्राप्त करने वाले व्यक्ति के बीच संरचित और नियमित वीडियो परामर्श का शुभारम्भजेल के कैदियों और कानूनी सहायता प्राप्त करने वाले व्यक्ति के बीच की दूरी को कम करने के लिए उनके बीच संरचित और नियमित परामर्श की आवश्यकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए हरियाणा के सभी 22 जिलों में समर्पित वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग की सुविधा शुरू की गयी है। उन्हें इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर दिया गया है। यह उद्घाटन वर्चुअल मोड के माध्यम से किया गया।

 उन्होंने बताया कि आज हरियाणा के 18 जिलों में किड्स जोन का उद्घाटन किया गया। यह उन बच्चों की जरूरतों को पूरा करेगा। जिनके माता-पिता मे से एक के रूप में मिलने का अधिकार है और अदालत के आदेश के अनुसार अपने बच्चों से मिलने के लिए ऐडीआर केन्द्रों का दौरा करेंगे। यह उन बच्चों के लिए भी मददगार होगा जो अपने माता-पिता के साथ ऐडीआर केन्द्रों पर जाते हैं।

  किशोर न्याय अधिनियम (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 पर लघु फिल्म का विमोचन भी किया गया। इसमें  किशोर न्याय अधिनियम पर जागरूकता समाज में प्रमुख मुद्दा है क्योंकि अधिकांश लोग अधिनियम के प्रावधानों से अवगत नहीं हैइसमें दिए गए लाभ और अधिनियम के तहत किशोर के रूप में परिभाषित बच्चों के लिए विशेष उपचार तथा इस मुद्दे पर लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिएहरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने आज राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) के सहयोग से तैयार एक लघु फिल्म लाॅन्च की है। इसका मुख्य उद्देश्य समाज को उन बच्चों के कानूनी अधिकारों के बारें में शिक्षित करना है जो गलतफहमियों का शिकार हो गये हैं। इसके अलावा गिरफ्तारी से पहले और गिरफ्तारी के चरण में एक व्यक्ति के अधिकारों पर एनिमेटेड लघु क्लिप का विमोचन भी किया गया है।

  उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी से पहले और गिरफ्तारी के चरण में किसी व्यक्ति के अधिकारों के बारें में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए यह एनिमेटेड लघु फिल्म आज जारी की गयी है जिसे सोशल मीडिया या अन्य जागरूकता अभियान में प्रसारित किया जाएगा। यह लोगों को उनके अधिकारों के बारें में जब वे गिरफ्तार न किये गये हो या गिरफ्तारी के समय उनको जागरूक करेगी। पुलिस थानोंअदालतों और जेलों में लगाये जाने वाले गिरफ्तारी से पहलेगिरफ्तारी और रिमाण्ड चरण में किसी व्यक्ति के अधिकारों के बारें में जागरूकता करने वाले पोस्टरों का शुभारम्भ भी किया। 08 पोस्टर आज लॉन्च किये गये हैजो पूर्व गिरफ्तारीगिरफ्तारी या रिमाण्ड स्टेज पर किसी व्यक्ति के अधिकारों को व्यापक रूप से दर्शाते हैं। इन पोस्टरों को पुलिस थानोंजेलों और न्यायालयों में चिपकाए जाने के बाद हिन्दी में लगे पोस्टर लोगों की सहायता करेंगे। इस कार्यक्रम की शुरूआत न्यायमूर्ति राजन गुप्तान्यायाधीशपंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्षहरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के स्वागत भाषण से हुई।

  उन्होंने गुणवत्तापूर्ण कानूनी सेवाओं के महत्व पर ध्यान केन्द्रित किया है कि कानूनी सेवा प्राधिकरण जरूरतमंद लोगों तक कैसे पहुंच सकते हैं। अपने संबोधन में न्यायमूर्ति ने हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पिछले एक वर्ष में विशेष रूप से कोविड अवधि के दौरान शुरू की गई परियोजनाओं और अभियानों के बारे में सभा को अवगत कराया। उन्होंने आगे उपस्थित लोगों को कोविड-19 के दौरान हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा शुरू किये गये जागरूकता कार्यक्रमों के बारे में अवगत कराया क्योंकि ऐसी स्थिति में आँनलाइन मोड ही एक मात्र उपलब्ध विकल्प है। न्यायमूर्ति ने जॉर्ज हर्बर्ट के शब्दों A lean Compromise is better than a fat lawsuit भी सेवा उन्मुखी कानूनी सेवाओं के महत्व को दर्शाने के लिए उदाहरण दिया।

  इस उद्घाटन के दौरान न्यायमूर्ति उदय उमेश ललितन्यायाधीशभारतीय उच्चतम न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्षराष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने भी अपने विचार साझा किए और पूर्व गिरफ्तारीगिरफ्तारी और रिमांड स्टेज पर व्यक्ति विशेष के अधिकारों पर पोस्टर लॉन्च की भी सराहना की। उन्होंने सभी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों को इस संबंध में हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा की गई पहल का अनुसरण करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी से पहले और गिरफ्तारी के चरण में लोगों को गुणवत्तापूर्ण कानूनी सेवाएं प्रदान करने के इस अभियान की एक वर्ष की अवधि निश्चित रूप से गिरफ्तारी के दौरान पुलिस स्टेशन में लोगों की शिकायतों को कम करेगी।

  उन्होंने कोरोना महामारी में उत्पन स्थिति को देखते हुए शारीरिक संपर्क संभव ना होने पर जागरूकता पैदा करने के दूसरे वर्चुअल तरीकों पर जोर दिया। उन्होंने कानूनी सहायता लेने वाले लोगों को आ रही कठिनाइयों को हल करने पर जोर दिया ताकि कानूनी सेवा के अधिकार पर लोगों का विश्वास दिन प्रतिदिन और बेहतर हो सके।  उन्होंने इस आयोजन को लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के शहादत दिवस से जोड़ा। उन्होंने बताया कि बाल गंगाधर तिलक ने अदालत में अपना बचाव किया और अदालत में लोगों को दी जा रही कानूनी सहायता के साथ-साथ अदालत में आने से पहले यानी गिरफ्तारी से पहले और गिरफ्तारी के समय से जोड़ा।

  इस मौके पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश व हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकण के मुख्य संरक्षक न्यायूमर्ति शंकर झा ने मौजूद सभी प्रतिभागियों को अपनी दृष्टिकोण से समृद्ध किया। उन्होंने आदर्श वाक्य, ’’न्याय सब के लिए’’ पर जोर दिया और कहा कि एक समाज को खुद को सभ्य घोषित करने के लिए समान रूप से न्याय तक पहुंच आवश्यक है। उन्होंने अपराध पीडि़त लोगों सहित समाज के सभी वर्गों तक अपनी पहुंच बनाने के लिए हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रयासों की सराहना की। उन्हों


ने सराहना कि हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने पिछले एक साल में हरियाणा पीडि़त मुआवजा योजना के तहत 23 करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में सफलतापूर्वक वितरित किए हैं। इसी के साथ ही प्राधिकरण द्वारा आयोजित 250 टीकाकरण अभियान भी उनके संबोधन में मुख्य बिंदु रहा।

  पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति व गुरुग्राम के प्रशासनिक न्यायाधीश  जसवंत सिंह की ओर से धन्यवाद प्रस्ताव पढ़कर कार्यक्रम का समापन किया। उन्होंने आपराधिक मामले के प्रारंभिक चरण में लोगों को विधिक सहायता की आवश्यकता पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।

 कार्यक्रम लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से प्रसारित किया गया जिसमें राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के कार्यकारी अध्यक्षगणउनके सदस्य सचिव तथा अन्य भी शामिल हुए।

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