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कोरोना संक्रमण से मौत पर बीपीएल परिवारों की आर्थिक मदद कर रही है सरकार : सतबीर सिंह मान

Posted by : pramod goyal on : Tuesday 3 August 2021 0 comments
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 फरीदाबाद, 3 अगस्त। अतिरिक्त उपायुक्त कम् कोविड-19 मेडिसिन और आक्सीजन नोडल अधिकारी सतबीर मान ने बताया कि जिला में बीपीएल परिवारों के लिए कोविड-19 संक्रमण के कारण कोरोना से ग्रस्त होने या कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो जाने पर हरियाणा सरकार द्वारा जारी कोविड-19 सहायता स्कीम के तहत आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि बीपीएल परिवारों को यह आर्थिक सहायता कोरोना वायरस से मौत हो जाने पर दो लाख रुपये की धनराशि और कोरोना पोजिटिव होने पर उपचार के खर्चे के लिए 5 हजार रुपये की धनराशि प्रति दिन 7 दिनों तक कुल 35 हजार रुपये की धनराशि तथा होम आईसोलेशन होने पर एक हजार प्रतिदिन के हिसाब से 5  दिनों तक 5 हजार रुपये की धनराशि आर्थिक सहायता के तौर पर प्रदान की जा रही है।

 अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर मान ने बताया कि इसके बाद बीपीएल परिवारों के वे लोग जिनके किसी परिजन की कोरोना के संक्रमण से मौत हो गई है और वे लोग जिन्होंने कोराना का ईलाज अस्पताल में करवाया है या होम आईसोलेशन में रहे हैं। वे लोग हरियाणा सरकार की कोविड-19 सहायता स्कीम के तहत आर्थिक सहायता ले सकते हैं।

 उन्होंने आगे बताया कि इसके लिए हरियाणा प्रदेश के लाभार्थियों/ बीपीएल नागरिकों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक योजना को क्रियान्वित किया जा रहा हैजिसके सकारात्मक परीक्षण कर चुके हैं या किसी नागरिक के परिवार के सदस्यों कोजिनकी दुर्भाग्य से कोरोना वायरस के परिणामस्वरूप मृत्यु हो गई  थी। उनका डेटा सत्यापन सीआरआईडी (बीपीएल स्थिति के लिए) और स्वास्थ्य विभाग (मृत्यु या सकारात्मक स्थिति के लिए) द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। प्रारंभिक डेटा स्वास्थ्य विभाग द्वारा सीआरआईडी/ CRID को उपलब्ध करवाया जाता है। सीआरआईडी और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सत्यापन के बाद वित्त विभाग द्वारा इस धनराशि का भुगतान किया जाता है।

 एडीसी सतबीर मान ने बताया कि यह योजना पहले से ही क्रियान्वित की जा रही है और कुछ प्रारंभिक लाभार्थियों को भुगतान पहले ही शुरू हो चुका है।

 सरकारी सहायता प्राप्त करने के लिए दिवंगत व्यक्ति का आधार नंबर या परिवार पहचान ID निम्न फॉर्मेट में 7419865000 पर SMS करें| COV<space><आधार नंबर या परिवार पहचान ID>  शामिल है।

 अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि नागरिकों का पीपीपी आईडी पर डेटा वापस प्राप्त कर सकें ताकि उनकी सही पहचान हो सके और उन्हें यह लाभ की धनराशि वितरित किया जा सके। हम सब मिलकर पहल की अधिकतम प्रभावोत्पादकता प्राप्त कर सकते हैं। सही लाभार्थी को लाभ प्रदान करने के लिए हमें नागरिकों के पीपीपी आईडी/आधार संख्या के साथ व्यक्ति को प्रमाणित करने की आवश्यकता है। हालाँकियह जानकारी स्वास्थ्य विभाग से CRID द्वारा प्राप्त प्रारंभिक डेटा में उपलब्ध नहीं है और इसलिए इसे नागरिकों को कॉल सेंटर आधारित टेलीफोन कॉल के माध्यम से या दो तरह से संदेश प्रणाली के माध्यम से अलग से एकत्र किया जा रहा है। दो तरह से मैसेजिंग सिस्टम में, CRID से एक पंजीकृत और DOT क्लियर किए गए नंबर (और DOT क्लियर की गई सामग्री) के माध्यम से एक संदेश जाता है और नागरिक की प्रतिक्रिया दूसरे नंबर पर प्राप्त होती है। हम पहले ही ऐसे रिटर्न एसएमएस के जरिए कई नागरिकों से डेटा वापस प्राप्त कर चुके हैं। लेकिन कई मामलों में नागरिकों में अज्ञानता/जागरूकता के कारण प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं होती है।

 एडीसी ने बताया कि कुछ जिलों से यह भी खबर आई है कि कुछ नागरिक इन संदेशों को संभावित धोखाधड़ी वाले संदेशों के रूप में भी देख रहे हैं (इस भ्रम में ट्रू कॉलर भी गलती से योगदान दे रहा है)। जो कि निराधार है।

 उन्होंने जिला के कोविड-19 के संक्रमण ग्रस्त परिवारों से अपनी करते हुए कहा कि वे सरकार की तकनीकी हिदायतो को पूरा अवश्य करें।ताकि उन्हें यथाशीघ्र अर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जा सके।


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