फरीदाबाद, 7 अगस्त। उपायुक्त जितेंद्र यादव ने कहा कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जहां एक ओर सरकार द्वारा जारी निर्देशों की अनुपालना अति आवश्यक हैं, वहीं दूसरी ओर शारीरिक क्षमता और दक्षता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक पद्धति भी बहुत फायदेमन्द सिद्ध हो रही हैं। हमें आयुर्वेदिक चिकित्सकों की सलाह से भी काढ़ा या फिर आयुर्वेद दवाओं का उपयोग करते रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत सतर्क रहते हुए एवं शत प्रतिशत हिदायतों की पालना करते हुए इसके संक्रमण से बचा जा सकता है। हमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेद पद्धति को प्राथमिकता के आधार पर अपनाना होगा। वैसे अपने-अपने क्षेत्र में सभी पद्घतियों का कोरोना संक्रमण को रोकने में विशेष योगदान है लेकिन आयुर्वेदिक पद्धति के माध्यम से बीमारियों से बचाव और उन्मूलन में सहायता मिलती हैं। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने में प्राचीन समय से ही आयुर्वेदिक पद्धति काफी कारगर सिद्ध हुई है।
आयुष विभाग द्वारा कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।जिला प्रशासन द्वारा लोगों को आयुष विभाग की पद्धति व घरेलू नुस्खों की जानकारी दी जा रही है जिनके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर कोरोना वायरस से घबराने की बजाए उसके प्रति सचेत होकर सावधानी बरतते हुए इसका मुकाबला करना चाहिए और अपने मनोस्थिति को मजबूत व सकारात्मक रखना चाहिए। जिला प्रशासन द्वारा लोगों को हर संभव स्वास्थ्य सुविधाएं देने का प्रयास किया जा रहा है। कोरोना संक्रमित मरीज अधिकतर संख्या में ठीक होकर अपने घर लौट रहे हैं, फरीदाबाद जिला में मरीजों के ठीक होने का रिकवरी रेट अन्य जिलों के मुकाबले अच्छा है।
उन्होंने जिलावासियों से अपील करते हुए कहा कि अनलॉक के चलते अधिकतर गतिविधियां खुल गई हैं जिससे लोगों की आवाजाही भी बढ़ी है, इसलिए लोग इस समय और सचेत होकर सावधानी बरतते हुए स्वयं सुरक्षित रहें तथा दूसरों को भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए जागरूक करें। उन्होंने बताया कि रोग प्रतिरोधक बढ़ाने संबंधी अधिकतर चीजें हमारे घर पर ही उपलब्ध होती हैं जिन्हें हम प्रयोग करके अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं। उन्होंने बताया कि तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सौंठ, मुनक्का आदि से बना काढ़ा भी काफी फायदेमंद होता है। प्रतिदिन आयुष डॉक्टरों की सलाह से गिलोए का सेवन करना चाहिए, भोजन में हल्दी, जीरा, धनिया व लहुसन का प्रयोग करें। हल्दी वाले गर्म दूध का सेवन करें, तिल या नारियल का तेल व घी नाक में लगाएं, ऐसा करके हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं।
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