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नई दिल्ली:
संसद के मॉनसून सत्र के अचानक समाप्त होने और उच्च सदन में कुछ महिला सांसदों पर कथित हमले के खिलाफ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं ने गुरुवार सुबह संसद परिसर के बाहर मार्च निकाला. राहुल गांधी कहा, 'आज हम आपके साथ (मीडिया) बात करने के लिए आए हैं क्योंकि हमें संसद के अंदर बोलने का मौका नहीं दिया गया. यह लोकतंत्र की 'हत्या' है.'कांग्रेस नेता ने कहा कि संसद सत्र खत्म हो गया है लेकिन जहां तक देश के 60 फीसदी का सवाल है...कोई संसद सत्र नहीं हुआ है. देश के 60 प्रतिशत की आवाज को कुचला गया है, अपमानित किया गया है और राज्यसभा में कल शारीरिक रूप से पीटा गया..
शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने इस माके पर है, 'विपक्ष को संसद में अपपने विचार रखने का मौका नहीं मिला. बुधवार की महिला के खिलाफ जो घटना हुई, वह लोकतंत्र के खिलाफ है. ऐसा लगा कि हम पाकिस्तान सीमा पर खड़े हैं'.इससे पहले बुधवार को राज्यसभा के विपक्षी सांसदों ने सदन में इंश्योरेंस बिल पेश करने के दौरान हुई घटना के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस नेता शरद पवार ने आरोप लगाया कि महिलाओं पर 'हमला' करने और सदन में सांसदों से हाथापाई के लिए 40 से अधिक महिला-पुरुषों को सदन में लाए जाने का आरोप लगाया. राहुल और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने बृहस्पतिवार को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में बैठक करने के बाद विपक्षी नेताओं ने संसद भवन से विजय चौक तक पैदल मार्च किया. इस दौरान कई नेताओं ने बैनर और तख्तियां ले रखी थीं.
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