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पूरे प्रदेश के ड्रॉपआउट हुए 29097 बच्चों को ढूंढ कर लाएंगे एजुकेशन वॉलिंटियर, इनमें फरीदाबाद के भी 1038 बच्चे शामिल

Posted by : pramod goyal on : Sunday 22 August 2021 0 comments
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 पिछले शिक्षा सत्र में सरकारी स्कूलों में पढ़ाई   कर रहे 29097 बच्चे वर्तमान शिक्षा सत्र में स्कूलों से गायब हो गए हैं इनमें से 1038 बच्चे फरीदाबाद जिले के हैं। इन बच्चों को ढूंढ कर शिक्षा विभाग के स्पेशल ट्रेनिंग सेंटर में लाकर पुनः पढ़ाई कराने की जिम्मेदारी नियुक्त किए जा रहे एजुकेशन वालंटियर की लगाई गई है। लेकिन वालंटियर को तभी नियुक्त किया जाएगा जब वे कम से कम 2


5 ड्रॉपआउट बच्चों को ढूंढ कर उनके नाम नजदीक के प्राइमरी स्कूल में वेरीफाई कराएंगे। यानी गुरु जी बनने से पहले 25 शिष्य उनको ढूंढ कर लाने होंगे। हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि हर शिक्षा सत्र में ऐसा होता है। शिक्षा विभाग पंचकूला हर साल सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को आदेश देता है,जिला शिक्षा अधिकारी अपने अधीन खंड शिक्षा अधिकारी को यह कार्य सौंप देता है वह यह कार्य अपने क्षेत्र के स्कूल प्रिंसिपल, हेड मास्टर को करने के लिए पत्र जारी कर देता है। सरकारी आदेश का पालन करने के लिए स्कूल मुखिया व अध्यापक फील्ड में जाकर पढ़ाई से वंचित बच्चों को ढूंढ कर उनको सुबह का नाश्ता व दोपहर का भोजन देने की बात कह कर स्कूलों में दाखिला करा देते हैं। उसके बाद ये बच्चे रेगुलर स्कूल में पढ़ाई करने के लिए आ रहे हैं और पढ़ाई में रुचि ले रहे हैं इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। जिसका परिणाम यह होता है कि धीरे-धीरे यह बच्चे स्कूलों से गायब होते चले जाते हैं। हैरानी की बात तो यह है कि स्कूल ना आने पर उनके नाम हाजिरी रजिस्टर में लिखे होते हैं और उनकी हाजिरी भी लगती रहती है। ऐसे ही बच्चे ड्रॉपआउट बच्चों की संख्या बढ़ाते हैं। ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन आईपा के जिला अध्यक्ष एडवोकेट बीएस विरदी ने कहा है कि दाखिले के बाद स्कूल मुखिया व अध्यापकों को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि बच्चे रेगुलर स्कूल में आएं और उनकी पढ़ाई में रुचि लगे। अगर बच्चा लगातार स्कूल में नहीं आ रहा है तो उनके पेरेंट्स को बुलाकर इसका कारण जानना चाहिए और उस कारण को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। तभी हर साल हो रही इस ड्रॉपआउट संख्या को कम किया जा सकता है।

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