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जे. सी. बोस विश्वविद्यालय का ऑनलाइन टेक्नो-डिजिटल उत्सव ’डिजी-फिएस्टा 2021’ शुरू

Posted by : pramod goyal on : Sunday 1 August 2021 0 comments
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 फरीदाबाद, 1 अगस्त - देश भर के 10 राज्यों से 60 शैक्षणिक संस्थानों के छह हजार से अधिक विद्यार्थियों की भागीदारी के साथ जे. सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद का ऑनलाइन टेक्नो-डिजिटल उत्सव ’डिजी-फिएस्टा 2021’ शुरू हो गया। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के कंप्यूटर सेंटर और डिजिटल अफेयर्स प्रकोष्ठ द्वारा किया जा रहा है।

फेस्टिवल का उद्घाटन केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पाक्र्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) के महानिदेशक डॉ ओंकार राय द्वारा किया गया। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार गर्ग, डायरेक्टर डिजीटेक सर्विसेज वी. एन. जटवानी, इंफॉर्मेटिक्स एंड कंप्यूटिंग के डीन प्रो. कोमल कुमार भाटिया, लिबरल आट्र्स एंड मीडिया स्टडीज के डीन प्रो. अतुल मिश्रा और कंप्यूटर सेंटर एवं डिजिटल अफेयर्स की निदेशक डॉ. नीलम दुहन उपस्थित थे।
सत्र को संबोधित करते हुए एसटीपीआई के महानिदेशक डॉ ओंकार राय ने रचनात्मकता एवं अभिनव विचारों पर आधारित उत्सव के आयोजन के लिए विश्वविद्यालय को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ऐसे तकनीकी कार्यक्रमों से प्रतिभागियों की रचनात्मकता में वृद्धि होती है। उन्होंने देश को डिजिटल और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए विद्यार्थियों से योगदान देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने को

विड महामारी के दौरान भारत की युवा प्रतिभाओं द्वारा किए गए उद्यमशीलता के प्रयासों की सराहना की और सरकार की डिजिटल पहल जैसे सुरक्षित बायोमेट्रिक सिस्टम, भीम ऐप, ई-मार्केट आदि से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति में भागीदारी के लिए सभी को नवीन सोच और तरीकों के अनुरूप काम करना चाहिए। महामारी के दौरान टीचिंग लर्निंग प्रक्रिया के सुचारू संचालन के लिए उन्होंने विश्वविद्यालय की डिजिटल पहलों की सराहना की और कहा कि भविष्य में विश्वविद्यालय के साथ अकादमिक सहयोग पर विचार किया जा सकता है। 

इस अवसर पर बोलते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि इस तरह के आयोजन प्रतिभागियों को महामारी जैसे माहौल से निपटने और डिजिटल तौर तरीके सीखने का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के पास विशाल प्रतिभा और बौद्धिक कौशल है और वे डिजिटल दुनिया के भविष्य को आकार देने में सक्षम है। उन्होंने उत्सव में राष्ट्रव्यापी भागीदारी के लिए आयोजकों के प्रयासों की सराहना की। 
इससे पहले, मुख्य अतिथि एवं वक्ताओं का स्वागत करते हुए डॉ. नीलम दुहन ने उत्सव पर एक संक्षिप्त परिचय दिया और विश्वविद्यालय में की गई डिजिटल पहल को प्रदर्शित करने के लिए एक वृत्तचित्र प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान की सफलता की दिशा में विश्वविद्यालय नियमित रूप से डिजिटल कार्यक्रम आयोजित कर रहा है और सरकार के साथ एक कड़ी के रूप में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि महामारी के कारण तकनीकी-डिजिटल उत्सव को पूर्ण ऑनलाइन मोड में लेकर आना पड़ा है, जिसमें कई कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं समानांतर में चल रही हैं।
कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग ने कंप्यूटर सेंटर और डिजिटल अफेयर्स द्वारा इन-हाउस डिजिटल लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम, आईआईआरएस इसरो और स्वयं प्रभा के माध्यम से ई-लर्निंग सुविधा, स्वयं और एनपीटीईएल लोकल चैप्टर, डिजिटल क्लासरूम, कोविड हेल्पडेस्क और एनएडी जैसी डिजिटल पहलों की सराहना की। अंत में कार्यक्रम समन्वयक डॉ. दीपिका पुंज ने सभी का धन्यवाद किया। उद्घाटन समारोह का संचालन डॉ. ललित गोयल, डॉ. रीवा शर्मा के साथ छात्र टीम ने किया।

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