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हरियाणा विधानसभा की शिक्षा व स्वास्थ्य कमेटी की चेयरमैन व बढखल की विधायक सीमा त्रिखा के क्षेत्र के बड़खल गांव, एनआईटी 2, एनआईटी 1 के सरकारी स्कूलों के साथ साथ अन्य कई स्कूलों की बिल्डिंग कंडम व काफी कमरे जर्जर हो चुके हैं। हरियाणा अभिभावक एकता मंच का आरोप है कि विद्यार्थियों को इन्हीं कमरों में पढ़ा कर उनके स्वास्थ्य व भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।
सरकारी स्कूलों में इस समय दाखिले चल रहे हैं लेकिन इन स्कूलों के प्रिंसिपलों ने कमरों के अभाव में बच्चों का दाखिला करने से मना कर दिया है। मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि इन स्कूलों की कंडम व जर्जर हो चुकी बिल्डिंग व कमरों के बारे में मंच की ओर से कई बार जिला शिक्षा अधिकारी को कहा गया है, जर्जर व कंडम बिल्डिंग व कमरों की वीडियो व फोटो भी भेजी गई है लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने आज तक इन स्कूलों में जाकर के स्थिति का आकलन नहीं किया है। सबसे बढ़ी बात यह है कि इस क्षेत्र की माननीय विधायका को विधानसभा की शिक्षा व स्वास्थ्य कमेटी का चेयरमैन बनाया हुआ है उन्होंने भी अपने क्षेत्र के इन स्कूलों की बदहाल स्थिति को सुधारने के लिए कोई भी प्रयास नहीं किया गया है जब कि मंच की ओर से उनको भी स्कूलों की जर्जर व कंडम हो चुकी बिल्डिंग व कमरों की जानकारी देकर इन स्कूलों में नई बिल्डिंग व कमरे बनवाने का आग्रह किया गया है। ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन आईपा के जिला अध्यक्ष एडवोकेट बी एस विरदी ने कहा है कि एनआईटी 1 का स्कूल 5 एकड़ में बना हुआ है। इस स्कूल के चारों तरफ की बाउंड्री है ही नहीं और जो थोड़ी बहुत है वह टूट चुकी है जिसके चलते
स्कूल प्रांगण में बाहरी लोगों का जमवाड़ा और आवारा पशुओं का आना जाना हमेशा बना रहता है।असामाजिक तत्व स्कूल समय में और उसके बाद भी अंदर आकर शराब पीते हैं, जुआ खेलते हैं। प्रिंसिपल ने इसकी शिकायत कई बार पुलिस चौकी में भी की है। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि यह स्कूल बहुत पुराना है 50 साल पहले टीन की छत के बने 17 कमरे कंडम व जर्जर घोषित किए जा चुके हैं। इनके अलावा अन्य बने हुए 13 कमरे भी जर्जर हालत में हैं उनके लेंटर की सरिया दिखाई दे रही है, छत से वर्षा का पानी टपकता है। कमरों में काफी सीलन है। स्कूल में कक्षा एक से पांच तक 260 व कक्षा 6 से 10 में 255 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल की प्रिंसिपल ने कहा है कि स्कूल की स्थिति के बारे में कई बार जिला शिक्षा अधिकारी को लिखा गया है लेकिन कोई भी उचित कार्यवाही नहीं की गई है। वैसे तो इस स्कूल में 10 शौचालय बने हुए हैं लेकिन सभी की हालत जर्जर है, जो दो तीन शौचालय कार्यरत हैं उनमें भी काफी गंदगी भरी हुई है। स्टाफ उनका इस्तेमाल करता नहीं है। महिला शिक्षकों के लिए कोई अलग से शौचालय नहीं है।
स्कूल प्रांगण में बाहरी लोगों का जमवाड़ा और आवारा पशुओं का आना जाना हमेशा बना रहता है।असामाजिक तत्व स्कूल समय में और उसके बाद भी अंदर आकर शराब पीते हैं, जुआ खेलते हैं। प्रिंसिपल ने इसकी शिकायत कई बार पुलिस चौकी में भी की है। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि यह स्कूल बहुत पुराना है 50 साल पहले टीन की छत के बने 17 कमरे कंडम व जर्जर घोषित किए जा चुके हैं। इनके अलावा अन्य बने हुए 13 कमरे भी जर्जर हालत में हैं उनके लेंटर की सरिया दिखाई दे रही है, छत से वर्षा का पानी टपकता है। कमरों में काफी सीलन है। स्कूल में कक्षा एक से पांच तक 260 व कक्षा 6 से 10 में 255 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल की प्रिंसिपल ने कहा है कि स्कूल की स्थिति के बारे में कई बार जिला शिक्षा अधिकारी को लिखा गया है लेकिन कोई भी उचित कार्यवाही नहीं की गई है। वैसे तो इस स्कूल में 10 शौचालय बने हुए हैं लेकिन सभी की हालत जर्जर है, जो दो तीन शौचालय कार्यरत हैं उनमें भी काफी गंदगी भरी हुई है। स्टाफ उनका इस्तेमाल करता नहीं है। महिला शिक्षकों के लिए कोई अलग से शौचालय नहीं है।
मंच ने विधायक सीमा तिरखा व जिला शिक्षा अधिकारी से कहा है कि वे एनआईटी 1हाईस्कूल सहित अन्य स्कूलों में जाकर वहां की स्थिति को देखें और जर्जर व कंडम हो चुकी बिल्डिंग व कमरों की जगह नई बिल्डिंग व कमरे बनवाने की कार्रवाई करें।
ऐसा न होने पर मंच एक बार पुनः पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय का सहारा लेगा। यहां यह बताना बहुत जरूरी है कि फरीदाबाद जिले में अनंगपुर, तिगांव, फरीदपुर, मोहना, गोच्छी, दयालपुर आदि स्कूलों की जो तीन चार मंजिला आधुनिक भव्य नई बिल्डिंग व कमरे बन रहे हैं वे आइपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ एडवोकेट अशोक अग्रवाल द्वारा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में दायर की गई एक जनहित याचिका का ही प्रयास है।
मंच ने सभी सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल व हेड मास्टर से भी कहा है कि वे अपने स्कूलों की कंडम व जर्जर हो चुकी बिल्डिंग व कमरों व संसाधनों की कमी के बारे में जिला शिक्षा अधिकारी से पत्राचार करें और उसकी एक प्रति मंच को भी उपलब्ध कराएं। जिससे मंच द्वारा आगे उचित कार्यवाही कराई जा सके।
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