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फरीदाबाद,6 जुलाई।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बिजली कट के कारण होने वाले प्रदर्शनों पर एसडीओ,जेई व शिफ्ट अटेंडेंट को चार्जशीट करने के बिजली मंत्री के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने इसकी निंदा करते हुए कहा कि बिजली मंत्री का यह बयान भीषण गर्मी में बिजली आपूर्ति के कार्य में दिन-रात जुटे कर्मचारियों एवं अधिकारियों के मनोबल को तोड़ने का ही काम करेंगा। उन्होंने ऐलान किया कि 15 जुलाई को राष्ट्रीय प्रतिरोध दिवस पर प्रदेश भर में होने वाले प्रदर्शनों में अन्य मांगों के साथ इस मुद्दे को भी जोर-शोर से उठाया जाएगा और मंत्री से इस बयान को वापस लेने की मांग की जाएगी। उन्होंने यह ऐलान मंगलवार को आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन की सर्कल कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए किया। बैठक की अध्यक्षता सर्कल सचिव कृष्ण कुमार ने की। इस बैठक में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा के अलावा यूनियन के वरिष्ठ नेता शब्बीर अहमद गनी, एनआईटी यूनिट के प्रधान भूप सिंह, ग्रेटर यूनिट के प्रधान दिनेश शर्मा व सचिव असरफ अयूब,ओल्ड यूनिट के प्रधान करतार सिंह व बल्लभगढ़ यूनिट के प्रधान रमेश चन्द्र तेवतिया, यूनियन के वरिष्ठ पदाधिकारी डालचन्द, विनोद शर्मा, कुलबीर राठी, सुरेन्द्र शर्मा, मंदीप कौशिक, देवेंदर त्यागी, मुकेश लंबा आदि मौजूद थे। बैठक में सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित कर डीए व पुरानी पेंशन बहाली व ठेका प्रथा समाप्त कर कच्चे कर्मियों को पक्का करने आदि मांगों की अनदेखी करने और सार्वजनिक सेवा क्षेत्र के किए जा रहे अंधाधुंध निजीकरण के खिलाफ 15 जुलाई को डीसी आफिस पर होने वाले प्रदर्शन में बिजली कर्मचारियों के बढ़ चढ़कर शामिल होने का फैसला लिया गया। बैठक में राष्ट्रीय प्रतिरोध दिवस 15 जुलाई को होने वाले प्रदर्शनों की मांग एवं मुद्दों को कर्मचारियों तक पहुंचाने के लिए सभी सब डिवीजनों, डिवीजनों व सर्कलों में गेट मीटिंग आयोजित करने का फैसला लिया गया।
सर्कल कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि बिजली मंत्री ने अपने बयान में कहा है कि राज्य में 12 हजार मेगावाट बिजली की उपलब्धता है और खप्त 11 हजार 732 तक पहुंच गई है। इसका मतलब यह हुआ कि राज्य के पास मांग से ज्यादा बिजली उपलब्ध है। इसलिए बिजली के कट नहीं लगाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो दुनिया में बिजली ऐसी चीज है, जिसको स्टोर नहीं किया जा सकता। दूसरी बात यह है कि बिजली वितरण निगमों के पास जो बिजली आपूर्ति करने के लिए लाईनों, ट्रांसफार्मरों,सब स्टेशनों का ढांचा उपलब्ध है ,वह 24 धंटे बिजली आपूर्ति करने में सक्षम नहीं है और ना ही वितरण निगमों के पास 24 धंटे बिजली आपूर्ति करने का प्रयाप्त स्टाफ है। स्टाफ की भारी कमी के कारण कर्मचारियों व इंजीनियरों को 18 से 24 धंटे काम करना पड़ रहा है। एसडीओ, जेई व लाईन स्टाफ 24 धंटे मोबाइल कैसे सुन सकता है। यह संभव ही नहीं है। उन्होंने कहा कि बिजली मंत्री को शायद यह जानकारी नही है कि निगम के स्टोरों में फ्यूज लगाने के लिए कंडक्टर, 120,185 व 300 एम एम सिंगल कोर लीड, फ्लेट, चैनल तक नहीं है। उन्होंने कहा कि स्टोर में 11 केवी लाइन को काटने व जोड़ने वाला जी ओ स्वीच तक नहीं है। ऐसा न होने के कारण धंटो बिजली बंद करनी पड़ती है। कर्मचारियों के पास ब्रेक डाउन होने पर फाल्ट ढूंढने के लिए न तो कोई आधुनिक तकनीक है और ना ही आवश्यक उपकरण उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को चार्जशीट करने का बयान देकर उपभोक्ताओं की वाहवाही लूटने की बजाय सरकार को आवश्यक सामान, प्रयाप्त स्टाफ व आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराने के गंभीर प्रयास करने चाहिए। ताकि उपलब्ध बिजली अबाधित रूप से आपूर्ति की जा सके।
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