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स्कूल खुलते ही प्रबंधक मांगने लगे पिछली व अगली एडवांस फीस

Posted by : pramod goyal on : Sunday 18 July 2021 0 comments
pramod goyal
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 हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने स्कूल प्रबंधकों पर आरोप लगाया है कि स्कूल खुलते ही वे अभिभावकों से पिछली फीस के साथ साथ जुलाई-अगस्त सितंबर की एडवांस ट्यूशन फीस, ट्रांसपोर्ट, एनुअल चार्ज, डेवलपमेंट आदि फंडों में फीस मांग रहे हैं। मंच ने इसका विरोध किया है और इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री,शिक्षा निदेशक व चेयरमैन एफएफआरसी से की है। मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि स्कूल संचालकों ने मनमानी फीस वसूलने के लिए ही हरियाणा सरकार पर दबाव डालकर स्कूल खुलवाए हैं।अभिभावक बिना बढ़ाई गई ट्यूशन फीस मासिक आधा


र पर दे रहे हैं और आगे भी देने को तैयार हैं लेकिन स्कूल प्रबंधक एक तो एनुअल चार्ज, ट्रांसपोर्ट फीस, डेवलपमेंट फंड,    आईटी, एग्जाम आदि फंडों  में भी फीस मांग रहे हैं दूसरा मासिक आधार की जगह एडवांस में तिमाही फीस मांग रहे हैं जो पूरी तरह से गैरकानूनी है अभिभावक उसी का विरोध कर रहे हैं। मंच के प्रदेश संरक्षक सुभाष लांबा व जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा है कि स्कूल प्रबंधक उच्चतम न्यायालय द्वारा राजस्थान के मामले में दिए गए एक फैसले को आधार मानकर बढ़ाई गई ट्यूशन फीस व अन्य गैर कानूनी फंडों में फीस मांग रहे हैं जबकि यह स्पष्ट हो गया है कि उच्चतम न्यायालय का फैसला सिर्फ राजस्थान के लिए है ना कि अन्य राज्यों के लिए। मंच ने इसकी लीगल जानकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा डॉ महावीर सिंह, शिक्षा निदेशक जे गणेशन, चेयरमैन एफएफआरसी कम मंडल कमिश्नर फरीदाबाद संजय जून के  साथ-साथ स्कूल प्रबंधकों को प्रदान कर दी है। मंच के जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिवकुमार जोशी ने कहा है कि स्कूल प्रबंधक स्कूल खुलने के अवसर का फायदा मनमानी फीस वसूलने के लिए कर रहे हैं। उनको अभिभावकों की आर्थिक स्थिति व छात्रों के स्वास्थ्य व भविष्य से कोई लेना देना नहीं है। मंच ने चेयरमैन एफएफआरसी फरीदाबाद से कहा है कि जिस तरह गुरुग्राम मंडल के मंडल कमिश्नर कम चेयरमैन एफएफआरसी ने गुरुग्राम के मनमानी कर रहे स्कूलों के पिछले 5 साल के खातों की जांच व आय व्यय    का ऑडिट करने का आदेश दिया है उसी प्रकार वह भी अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए फरीदाबाद के मनमानी कर रहे प्राइवेट स्कूलों के पिछले 5 साल के  खातों की जांच व ऑडिट  कराएं। जिससे पता चल सके कि स्कूल प्रबंधक घाटे में हैं या फायदे में और उनके पास कितना रिजर्व व सरप्लस फंड है। मंच ने  सभी अभिभावकों से कहा है कि वे मासिक आधार पर बिना बढ़ाई गई सिर्फ ट्यूशन फीस ही जमा कराएं इसके अलावा अन्य किसी भी फंडस व ट्रांसपोर्ट फंड्स  में एक पैसा भी ना दें और कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए अपने बच्चे के स्वास्थ्य व भविष्य का विशेष ध्यान रखें।

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