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फरीदाबाद,29 जुलाई।
केन्द्र सरकार आपदा को अवसर में बदलकर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बिजली का निजीकरण करना चाहती है। इसीलिए केन्द्र सरकार चालू मानसून सत्र में बिजली संशोधन विधेयक पारित करवाने पर आमादा है। जिसके खिलाफ देशभर के 15 लाख बिजली कर्मचारी एवं इंजीनियर 10 अगस्त को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे। यह ऐलान बृहस्पतिवार को एएचपीसी वर्कर यूनियन के सर्कल सचिव कृष्ण कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने किया। बैठक में आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी, राज्य उप महासचिव जितेंद्र तेवतिया, राज्य कमेटी के सदस्य मनोज जाखड़, डालचंद शर्मा, विनोद कुमार व सर्कल सचिव रामचरण पुष्कर आदि मौजूद थे। बैठक में ठेका प्रथा समाप्त कर डीसी रेट अनुबंध कर्मियों को पक्का करने, पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने, पुरानी पेंशन बहाल करने, एक्स ग्रेसिया रोजगार स्कीम में लगाई गई शर्तो को हटाने, बढ़ती महंगाई के अनुरूप डाटा एंट्री ऑपरेटर सहित सभी ठेका कर्मचारियों को वेतन में बढ़ोतरी करने, सुरक्षा के आवश्यक उपकरण व मेंटीनेंस का आवश्यक सामान उपलब्ध कराने आदि मांगों को प्रमुखता से उठाया गया। बैठक में 10 अगस्त की हड़ताल की मांग व मुद्दों को लेकर सभी सब डिवीजनों, शिकायत केन्द्रों व बिजली सब स्टेशन में कर्मचारियों की सभाएं करने का फैसला लिया गया। बैठक में वर्कलोड के मुताबिक प्रयाप्त स्टाफ मुहैया कराए बिना और आवश्यक सामान व उपकरण दिए राईट टू सर्विस एक्ट लागू करने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है।
ईईएफआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए मानसून सत्र में बिजली का निजीकरण करने के लिए बिजली संशोधन विधेयक पारित करवाने की जल्दबाजी में है। उन्होंने कहा कि अगर यह बिल पास हुआ तो बिजली का निजीकरण होगा और सब्सिडी व क्रास सब्सिडी खत्म हो जाएगी। जिससे बिजली की दरों में बढ़ोतरी होगी और बिजली किसान व गरीब की पहुंच से बाहर हो जाएंगी। उन्होंने बिजली संशोधन विधेयक को राष्ट्रविरोधी, किसान व गरीब विरोधी बताते हुए इसके खिलाफ 10 अगस्त को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाकर केन्द्र सरकार को मुंहतोड़ जवाब देने का आह्वान किया। एएचपीसी वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी व उप महासचिव जितेंद्र तेवतिया ने बैठक में बोलते हुए कहा कि सरकार बिजली निगमों में राईट टू सर्विस एक्ट लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इसको लागू करने से पहले वर्कलोड के अनुसार स्टाफ भर्ती करने, आवश्यक सामान देने और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए ठोस कदम उठाए। ऐसा किए बिना राईट टू सर्विस एक्ट लागू किया गया तो कर्मियों व इंजीनियरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। जिसके खिलाफ कर्मचारियों को सड़कों पर उतरने पर मजबूर होना पड़ेगा।
बैठक में मुख्य रूप से बिजली कर्मचारी नेता रामचरण पुष्कर, रमेश चन्द्र तेवतिया,करतार सिंह, दिनेश शर्मा, धर्मेन्द्र तेवतिया, भूपसिंह, गिरीश राजपूत,डिगंबर सिंह, देवेन्द्र त्यागी, राजकुमार, अरशद अयूब,श्याम सुन्दर, प्रवेश बैंसला, सुबोध,कंवरपाल, मुकेश लांबा आदि ने भाग लिया।
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