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सरकार की वादाखिलाफी और मांगों के प्रति घोर उपेक्षापूर्ण रवैए से नाराज़ आशा वर्करों ने बीके अस्पताल में प्रदर्शन किया

Posted by : pramod goyal on : Monday 7 June 2021 0 comments
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 फरीदाबाद,7 जून। सरकार की वादाखिलाफी और मांगों के प्रति घोर उपेक्षापूर्ण रवैए से नाराज़ आशा वर्करों ने सोमवार को बीके अस्पताल में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री के नाम मांगों एवं समस्याओं का ज्ञापन सिविल सर्जन को सौंपा। शिष्ट



मंडल में आशा वर्कर यूनियन हरियाणा की प्रधान हेमलता, सचिव सुधा पाल,नीलम जोशी, पूजा, शाहीन, परवीन, सुशीला व सीटू के प्रधान निरंतर पराशर व महासचिव लाल बाबू शर्मा उपस्थित थे। ज्ञापन में एमडीएम सील्ड 360 ऐप को तुरंत बंद करवाने, आशाओं को आई कार्ड जारी किए जाने,  मास्क, सैनिटाइजर देने, सर्जिकल मास्क के साथ रीयूजेबल मास्क भी दिए जाए ताकि आशा काम करते समय डबल मास्क पहन सके, कोविड 19 से मृत्यु हुई आशा वर्कर के परिवारों को अविलंब 50 लाख केंद्र सरकार एवं 10 लाख हरियाणा सरकार का बीमा दिलवाने, एक्टिविटी का काटा गया 50 प्रतिशत  तुरंत वापस लागू करवाने, 10 हजार रुपए जोखिम भत्ता देने तथा कोविड-19 के लिए दिए जा रहे 1000 प्रोत्साहन राशि का 50 प्रतिशत देने, आशाओं को ग्राम स्तरीय स्थाई कर्मचारी बनाने व तब तक हरियाणा सरकार का न्यूनतम वेतन तथा महंगाई भत्ते के साथ सहित  ईएसआई एवं पीएफ की भी सुविधा देने, आशा वर्कर्स को  हेल्थ वर्कर का दर्जा दिलवाने की मांग की गई।


आशा वर्कर यूनियन हरियाणा के प्रधान हेमलता व सचिव सुधा पाल ने बताया की आशा वर्करों पर पिछले लंबे समय से ऑनलाइन काम करने का दबाव बनाया जा रहा है। आशाओं ने बिना डाटा बिना फोन और बिना ट्रेनिंग के ऑनलाइन काम करवाने का दबाव बनाने के लिए पहले भी अपना विरोध दर्ज करवाया था और इन मांगों के लिए एक लंबा आंदोलन चला था। तब विभाग ने आशाओं को फोन मुहैया करवाए हैं, जिसमें आशा वर्कर ऑनलाइन काम कर रही है। उन्होंने बताया कि अब विभाग द्वारा इस फोन के अंदर एमडीएम 360 फील्ड एप डाउनलोड करने के लिए कहा गया है। यह एक सर्विलांस ऐप है, जिसके माध्यम से विभाग इस फोन के अंदर कोई भी चीज अपलोड कर सकता है और किसी भी चीज को डिलीट कर सकता है। आशाओं की लोकेशन ट्रेस कर सकता है। उन्होंने बताया कि आशाएं सभी महिलाएं हैं,परंतु इनके कोऑर्डिनेटर और ऑफिसर ज्यादातर पुरुष है। साधारण परिस्थितियों में भी आशाओं के विभिन्न मसले सामने आए हैं। एरिया में काम करते वक्त भी आशाओं को कई तरह की धमकियां मिलती रही हैं। अब आशा के फोन की हैंडलिंग यदि विभाग के हाथ में होती है तो आशाओं को और भी कई तरह से ब्लैकमेल करने या उनके साथ किसी भी तरह की दुर्घटना होने की संभावना कई गुना बढ़ जाएगी ।

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