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जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में एचआर कॉन्क्लेव का आयोजन

Posted by : pramod goyal on : Saturday 26 June 2021 0 comments
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 फरीदाबाद, 26 जून - जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा विद्यार्थियों को रोजगार के लिए जरूरी कौशल एवं अनुभवों से परिचित करवाने के उद्देश्य से एक दिवसीय एचआर कॉन्क्लेव-2021 का आयोजन किया गया। 

कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार गर्ग तथा मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष प्रो. राज कुमार भी उपस्थित थे। सत्र का समन्वयन प्रो. वासुदेव मल्होत्रा ने किया।
सत्र को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने विद्यार्थियों को महामारी के का

रण बदलते औद्योगिक वातावरण तथा नई तकनीकों  को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने छात्रों की रोजगार क्षमता में सुधार के लिए ऐसे आयोजनों के महत्व पर भी प्रकाश डाला और मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा की गई पहल की सराहना की।

इससे पूर्व विभाग के अध्यक्ष प्रो. राज कुमार ने अतिथि एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। कॉन्क्लेव को सीमेंस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड की एचआर मैनेजर पूजा कोचर ने संबोधित किया। उन्होंने बताया कि कैसे कॉरपोरेट लाइफ कैंपस लाइफ से अलग है।
इसके अलावा, श्री राहुल जैन, आईसीएफ-एसोसिएट सर्टिफाइड कोच, ने आधुनिक युग में बेहतर इंटर्नशिप और प्लेसमेंट के अवसर खोजने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की उपयोगिता के बारे में विस्तृत चर्चा की तथा जानकारी दी कि सोशल नेटवर्किंग साइट का कैसे उपयोगी साधन बनाया जा सकता है। .
एस्कॉर्ट्स ग्रुप के एचआर अधिकारी हिमांशु मिगलानी ने उद्योग में आधुनिक प्रवृत्ति के बारे में जानकारी दी जोकि नये स्नातकों के लिए मददगार होगी। मंगलम इलेक्ट्रॉनिक्स में मानव संसाधन अधिकारी के.एम. प्रिया ने बताया कि कैसे मैकेनिकल इंजीनियर बाजार में महत्वपूर्ण हैं। टोयोटा इंडस्ट्रीज इंजन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में मानव संसाधन अधिकारी कृतिका राजा ने बताया कि एक कॉर्पोरेट की फ्रेशर्स को लेकर क्या उम्मीद रहती है और अभिव्यक्ति, व्यवहार, योग्यता, उत्साह और ज्ञान जैसे कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला कि कैसे ये सभी गुण सफलता प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सत्र के दौरान प्रतिभागियों ने विशेषज्ञों से विभिन्न प्रश्न पूछे जिनका विशेषज्ञ वक्ताओं ने उचित उत्तर दिया। सत्र संवादात्मक रहा। विद्यार्थी टीम से पीयूष रत्न झा, सचिन अधवारिया, अभिनंदन चड्ढा, स्वाति पंडित और ऋषभ त्रिपाठी ने कार्यक्रम को संचालित करने में अपना सहयोग दिया।

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