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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फरीदाबाद में सूरजकुंड इलाके के खोरी और लक्कड़पुर वन क्षेत्र में बने अवैध निर्माणों को तोड़ने के लिए प्रशासन और पुलिस लगभग अपनी तैयारी पूरी कर चुका है कार्रवाई को अंजाम देने से पहले प्रशासन द्वारा ड्रोन द्वारा क्षेत्र का सर्वे किया गया है और इस क्षेत्र में धारा 144 भी लागू कर दी गई है । अब कभी भी प्रशासन तोड़फोड़ की कार्रवाई को अंजाम दे सकता है जिसको लेकर जहां रह रहे हजारों लोगों को अपने आशियाने उजड़ने की चिंता सताने लगी है । लोगों
की मांग है कि उन्हें कहीं और जगह देकर बताया जाए । वहीं प्रशासन साफ कर चुका है की हर हाल में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करवाया जाएगा ।
आपको बता दें प्रशासन द्वारा ड्रोन सर्वे करवाया गया है जिसके अनुसार इस क्षेत्र में साडे 6000 से ज्यादा रिहायशी मकान है वही 870 कच्चे स्ट्रक्चर हैं । इसके अलावा यहां 70 कमर्शियल दुकाने और दो टावर स्थापित हैं । सर्वे के अनुसार यहां 5 स्कूल, दो इंडस्ट्री, 20 मंदिर, 12 मस्जिद और एक चर्च शामिल है । अब प्रशासन तोड़फोड़ की कार्रवाई को लेकर पूरी तरह तैयार है जिसे कभी भी अंजाम दिया जा सकता है हालांकि कुछ लोग अपने घरों का सम्मान लादकर पलायन भी करने लगे हैं जबकि बहुत से लोग अभी भी यहां से जाने को तैयार नहीं और सरकार से कहीं और जगह देने की मांग कर रहे हैं ।
मोहम्मद (बुजुर्ग) - मैं यहां 10 - 12 साल से रह रहा हूं मैंने यहां जमीन खरीदी थी मुझसे पुलिस वन विभाग सभी ने पैसे लिए जब बना रहे थे तो किसी ने कुछ नहीं कहा और हमें सभी ने ठगा ! अब हमें सर छुपाने के लिए जगह चाहिए !
प्रांशु ( युवक) हम यहां पर लगभग 13 साल से रह रहे हैं जमीन खरीदते समय हमें यहां पर बताया गया था कि कोई परेशानी नहीं होगी । मेरे परिवार में हम तीन भाई बहन और मां बाप हैं अब तोड़फोड़ के डर से हम अपने काम पर भी नहीं जा पा रहे हैं अब यहां लगभग 15 साल से रह रहे हैं बताओ लोक डाउन में हम लोग कहां जाएंगे ।
मोहम्मद इमरान ( युवक) हम यहां लगभग 15 साल से रह रहे हैं हमने यहां कब्जा नहीं किया बल्कि हमने जमीन खरीदी है यह जमीन हमें राजदीप नाम के व्यक्ति ने भेजी थी इसके अलावा नगर निगम और पुलिस के लोग हम से पैसा लेकर जाते थे और कहते थे यह पक्की कॉलोनी हैं यह नहीं टूटेगी । हमारा कोई कसूर नहीं है अब हम कहीं नहीं जाएंगे और यही जिएंगे यही मरेंगे ।
मोहम्मद (बुजुर्ग) - मैं यहां 10 - 12 साल से रह रहा हूं मैंने यहां जमीन खरीदी थी मुझसे पुलिस वन विभाग सभी ने पैसे लिए जब बना रहे थे तो किसी ने कुछ नहीं कहा और हमें सभी ने ठगा ! अब हमें सर छुपाने के लिए जगह चाहिए !
प्रांशु ( युवक) हम यहां पर लगभग 13 साल से रह रहे हैं जमीन खरीदते समय हमें यहां पर बताया गया था कि कोई परेशानी नहीं होगी । मेरे परिवार में हम तीन भाई बहन और मां बाप हैं अब तोड़फोड़ के डर से हम अपने काम पर भी नहीं जा पा रहे हैं अब यहां लगभग 15 साल से रह रहे हैं बताओ लोक डाउन में हम लोग कहां जाएंगे ।
मोहम्मद इमरान ( युवक) हम यहां लगभग 15 साल से रह रहे हैं हमने यहां कब्जा नहीं किया बल्कि हमने जमीन खरीदी है यह जमीन हमें राजदीप नाम के व्यक्ति ने भेजी थी इसके अलावा नगर निगम और पुलिस के लोग हम से पैसा लेकर जाते थे और कहते थे यह पक्की कॉलोनी हैं यह नहीं टूटेगी । हमारा कोई कसूर नहीं है अब हम कहीं नहीं जाएंगे और यही जिएंगे यही मरेंगे ।
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