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स्कूल बंद फिर भी 15000 डेवलपमेंट फंड मांगने पर पेरेंट्स ने किया डीएवी 37 के सामने पुनः विरोध प्रदर्शन

Posted by : pramod goyal on : Monday 14 June 2021 0 comments
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कोरोना महामारी के चलते स्कूल बंद होने के बाबजूद डीएवी 37 मैनेजमेंट द्वारा अभिभावकों से बढ़ी हुई ट्यूशन फीस व 15000 डेवलपमेंट फंड मांगने से गुस्साए अभिभावकों ने सोमवार को स्कूल गेट के सामने पुनः विरोध प्रदर्शन किया। पेरेंट्स का आरोप है कोरोना के चलते ऑनलाइन पढ़ाई भी ठीक प्रकार से नहीं हो रही है उसके बावजूद स्कूल प्रिंसिपल ने  मनमानी फीस वसूलने की नीयत से बच्चों का यूनिट टेस्ट लेने का ड्रामा शुरु कर दिया है। जो पेरेंट्स मनमानी फीस का विरोध कर रहे हैं उनके बच्चों नाम यूनिट टेस्ट से हटाकर उनको हरासमेंट करना शुरू कर दिया है। डीएवी 37 पेरेंट्स एसोसिएशन के पदाधिकारी संजय यादव, प्रवीण वर्मा, स्वरूप दर्शन, राजेश कुमार, सुनील अरोड़ा, प्रभा पांडे, पंकज, राजीव, श्याम गुप्ता, भूपेंद्र यादव, विपिन पांडे, अंजनी कुमार, रमेश शर्मा ने कहा है कि स्कूल प्रिंसिपल अपने ही अभिभावकों से मिलने से मना करती हैं उनसे कई बार बातचीत करने की कोशिश की तो पहले तो उन्होंने मिलने से मना कर दिया फिर कहा कि सिर्फ एक दो अभिभावक मोबाइल बाहर रख कर आ सकते हैं। पेरेंट्स के ज्यादा विरोध करने पर पुलिस के हस्तक्षेप  6 पेरेंट्स प्रिंसीपल से मिले और बिना बढ़ाई गई ट्यूशन फीस लेने व डवलमेंट फंड के नाम पर मांगे जा रहे ₹15000 वापस लेने की मांग की। लेकिन प्रिंसीपल ने पेरेंट्स की मांग को सिरे से खारिज कर दिया और धमकी दी कि फीस जमा न कराने पर उनके बच्चों का नाम काट दिया जाएगा।

प्रिंसीपल के इस नकारात्मक रूख से गुस्साए  अभिभावकों ने स्कूल गेट पर जमकर नारेबाजी की और अपने आंदोलन को और अधिक तेज करने का निर्णय लिया। अभिभावकों का कहना है कि एक तरह जहां कोरोना महामारी के चलते काम धंधे बंद होने के कारण अभिभावकों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है ऐसे में यह स्कूल फीस के मामले में मनमानी कर रहा है। स्कूल बंद है स्कूल में कोई भी विकास कार्य नहीं हो रहा है उसके बावजूद डवलपमेंट फंड के नाम पर 15000 रुपए मांगे जा रहे हैं इसके अलावा पिछले 3 साल में ट्यूशन फीस में 20 से 25% तक की वृद्धि कर दी है। सुनील अरोड़ा ने कहा है कि सीबीएसई नियमों के तहत कॉशन मनी लेना पूरी तरह से अपराध है लेकिन यह स्कूल नए छात्रों से पिछले 10 साल से ₹3000 कॉशन मनी के नाम से वसूल रहा है।अभिभावक संजय यादव ने कहा है कि स्कूल के पास काफी रिजर्व व सरप्लस फंड है उसके बावजूद हर साल ट्यूशन फीस में वृद्धि की जाती है और डेवलपमेंट फंड के नाम पर काफी पैसा लिया जाता है। पेरेंट्स एसोसिएशन ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जाकर पता लगाया है इस स्कूल ने नियमानुसार इस साल बैलेंस शीट के साथ फार्म 6 जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा नहीं कराया है। अभिभावकों का कहना है कि कोरोना की इस दूसरी लहर में भी अभिभावकों के काम धंधे बंद होने के कारण घर के खर्चे भी ठीक से नहीं चल रहे हैं उसके बावजूद पेरेंट्स बिना बढ़ाई गई ट्यूशन फीस मासिक आधार पर देने को तैयार हैं  लेकिन स्कूल इसको लेने को तैयार नहीं है वह इसके साथ साथ अन्य फंडों में भी फीस मांग रहा है। जो पूरी तरह से गैरकानूनी है और न्याय संगत नहीं है। अभिभावक इस मनमानी फीस के विरोध में अपना आंदोलन जारी रखेंगे। बाद में पेरेंट्स मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा से मिले। कैलाश शर्मा ने अभिभावकों से कहा है कि वे एकजुट और जागरूक होकर स्कूल की प्रत्येक मनमानी का पुरजोर तरीके से विरोध करें और बिना बढ़ाई गई ट्यूशन फीस ही मासिक आधार पर जमा कराएं और बच्चों को हरासमेंट करने की शिकायत चेयरमैन राष्ट्रीय बाल संरक्षण व अधिकार आयोग नई दिल्ली से करें। मंच पूरी तरह से उनके साथ है। मंच जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आरटीआई लगाकर इस स्कूल के पिछले 5 साल के फार्म 6 व बैलेंस शीट की कॉपी प्राप्त करेगा।

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