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फरीदाबाद,9 मई।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने गोल्ड फिल्ड मेडिकल कॉलेज से छंटनी किए गए ठेका कर्मचारियों को अटल बिहारी वाजपेई राजकीय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में समायोजित न करने की घोर निन्दा की है। सकसं ने सीएम, डिप्टी सीएम, हेल्थ मिनिस्टर द्वारा समायोजन के आश्वासन को ध्यान में रखते हुए अनुभव प्राप्त स्टाफ को एडजस्ट करने की मांग की है।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री व जिला प्रधान अशोक कुमार व सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर ने बताया कि सोमवार को छंटनी ग्रस्त कर्मचारियों के अटल बिहारी वाजपेई राजकीय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में समायोजित करने की मांग को लेकर परिवहन मंत्री व डीसी को ज्ञापन सौंपा जाएगा। उन्होंने बताया ज्ञापन सौंपने के बाद उनके रूख को देखकर ही अगली रणनीति का ऐलान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हेल्थ मिनिस्टर एक तरफ स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोरोना योद्धा बताकर उन्हें शेलयूट करते हैं और दूसरी तरफ कई जिलों से स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा रहा है। उन्होंने इस दोहरे मापदंड की घोर निन्दा करते हुए छंटनी किए कर्मियों को वापस ड्यूटी पर लेने और ठेकेदारों व प्रधान नियोक्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि गोल्ड फिल्ड मेडिकल कॉलेज छायंसा किन्हीं कारणों से साल 2016 में बंद हो गया था । जिसके कारण अस्पताल में कार्यरत करीब दो सौ मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ को नौकरी से हाथ धोना पड़ा था। बंद हुए अस्पताल को हरियाणा सरकार ने टेक ओवर करके चलाने का फैसला किया था। जिसके बाद नौकरी से निकाले गए स्टाफ ने सीएम, डिप्टी सीएम व हेल्थ मिनिस्टर से अटल बिहारी वाजपेई राजकीय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में समायोजित करने की मांग की। नौकरी से बर्खास्त स्टाफ के अनुसार उन्हें आश्वासन दिया कि अस्पताल चालू होने पर सबसे पहले आपको एडजस्ट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब सरकार ने इस मेडिकल कॉलेज को कोविड अस्पताल बनाकर सोमवार से चालू करने का फैसला लिया है। लेकिन पुराने 10 से 12 साल अनुभव वाले स्टाफ को रखने की बजाय नए अनुभवहीन स्टाफ को ठेकेदार लगा रहा है और छंटनी ग्रस्त स्टाफ के अनुसार नौकरी लगने के नाम पर कर्मचारियों से मोटी रकम भी वसूली जा रही है। उन्होंने बताया कि छंटनी ग्रस्त कर्मचारियों ने सकसं को बताया कि हम इस दौरान स्थानीय विधायक नयनपाल रावत, हेल्थ मिनिस्टर, डिप्टी सीएम व डीसी से मिल चुके हैं। लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिल रहा है और दुसरी तरफ ठेकेदार नए स्टाफ को लगाता जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड 19 बेकाबू हो रहा है, ऐसे समय पर अगर अनुभव को दरकिनार करके नए कर्मचारियों को नौकरी पर लगाया गया तो उनके संक्रमित होने और कोरोना मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ का खतरा मौजूद रहेगा। जिला सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर ने बताया कि कल इस संबंध में परिवहन मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा व डीसी यशपाल यादव को ज्ञापन सौंप कर नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों को अटल बिहारी वाजपेई राजकीय मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में समायोजन की मांग की जाएगी।
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