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फरीदाबाद 20 मई गत दिनों हिसार में किसान अपनी मांगों पर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित करने के लिए शांति पूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे थे। आंदोलनकारी किसानों को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में पहुंचने से पूर्व ही जिला प्रशासन ने पुलिस बल का प्रयोग करके किसानों के ऊपर बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज और अश्रु गैस के गोले छोड़ने शुरू कर दिए। जिसके कारण सैकड़ों किसानों, महिलाओं को गंभीर चोटें आई। इतना ही नहीं पुलिस ने किसानों को दूर-दूर तक भगाया। और उन्हें गिरफ्तार भी किया। उन पर झूठे
मुकदमे बनाए गए अभी भी किसानों को उनके गांव में जाकर उन्हें गिरफ्तार करने का सिलसिला जारी है। जितनी तत्परता पुलिस आंदोलनरत किसानों की नाजायज गिरफ्तारी करने में दिखाती है। उतनी तत्परता अपराधिक गतिविधियों में शामिल लोगों की गिरफ्तारी में नहीं दिखाई देती है। इस कार्रवाई के विरोध में आज भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी जिला कमेटी फरीदाबाद ने देश के महामहिम राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त कार्यालय के अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर माकपा के जिला सचिव शिवप्रसाद, जिला कमेटी सदस्य निरंतर पराशर, वीरेंद्र सिंह डंगवाल, और वीरेंद्र पाल मौजूद रहे। ज्ञापन में किसानों के ऊपर अत्याचार करने वाले दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई है। इसके अलावा किसानों की नाजायज गिरफ्तारी पर रोक लगाने। हिसार पुलिस गांव में जाकर आज भी किसानों का उत्पीड़न कर रही है।इस प्रकार की गिरफ्तारी तत्काल बंद की जाए । माकपा के जिला सचिव शिवप्रसाद और जिला कमेटी सदस्य वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि देश के किसान पिछले 6 माह से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने की मांग को लेकर आंदोलन के मैदान में हैं। लेकिन देश की सरकार इतने बड़े आंदोलन की अनदेखी कर रही है। समस्याओं का समाधान ढूंढने के बजाय किसानों पर जुल्म और अत्याचार किए जा रहे हैं। लेकिन देश का किसान और मजदूर सरकार की दमनकारी नीतियों का विरोध तब तक करता रहेगा। जब तक किसानों की मांगों को नहीं मान लिया जाता है।
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