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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि कोविड-19 के इलाज में कुछ प्राइवेट अस्पतालों द्वारा लूट व मनमानी की जा रही है। ऐसे अस्पताल सरकार द्वारा निर्धारित किए गए रेट से ज्यादा पैसा मरीजों से वसूल रहे हैं ऐसे दोषी अस्पतालों के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज किए जाएंगे, उनके लाइसेंस रद्द किए जाएंगे, और उनकी ऑक्सीजन सप्लाई भी बंद कर दी जाएगी।
हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने मुख्यमंत्री के इस बयान का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री से मांग की है कि पिछले 2 महीने में कोविड-19 के इलाज में सभी छोटे बड़े अस्पताल और नर्सिंग होम ने जो पैसा मरीजों से वसूला है उसकी उच्च स्तरीय जांच कमेटी से ऑडिट व जांच कराई जाए। जांच के बाद जिस अस्पताल ने सरकार द्वारा निर्धारित किए गए रेट साधारण बेड = 12000/-
ऑक्सीजन बेड = 15000/-
ICU or ventilator bed = 18000/-
(दवाइयों व इलाज सहित ) से ज्यादा पैसा मरीजों से लिया है उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और मरीजों से वसूला गया फालतू पैसा उनको वापिस दिलाया जाए। तभी मुख्यमंत्री की बात सही मानी जाएगी। मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि अस्पतालों को यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि उन्होंने मरीजों से अब तक जो ज्यादा पैसा वसूल कर गलती की है उसे माफ किया जाता है आगे से निर्धारित रेट पर पैसा वसूलें। मंच का कहना है कि सच्चा न्याय तो यही होगा कि अब तक जो फालतू पैसा मरीजों से वसूला गया है उसे वापस मरीजों को दिलवाया जाए। मंच ने कहा है कि अगर सरकार ने ऐसा नहीं किया तो मंच पीड़ित मरीजों व उनके परिजनों को न्याय दिलवाएगा। मंच ने ऐसे सभी मरीजों व उनके परिजनों से, जिन्होंने पिछले 2 महीने में किसी भी प्राइवेट अस्पताल व नर्सिंग होम में कोविड-19 का इलाज कराया है उनसे इलाज के एवज में वसूले गए पैसे का पूरा बिल व डिस्चार्ज समरी व कुल कितना पैसा वसूला गया है उसके ब्योरे की साफ फोटो कॉपी अपने हस्ताक्षर, मोबाइल नंबर व घर के पते के साथ शीघ्र ही मंच के हेल्पलाइन नंबर 9810499060,
9810155058 पर उपलब्ध कराने को कहा है जिसके आधार पर पहले सरकार से उचित कार्रवाई कराई जाएगी अगर सरकार से न्याय नहीं मिला तो पीड़ित मरीजों को न्याय दिलाने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में प्राइवेट अस्पतालों की लूट और मनमानी को लेकर जनहित याचिका दायर की जाएगी।
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