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गोल्ड फिल्ड मेडिकल कॉलेज छायंसा से छंटनी हुए ठेका कर्मचारियों ने मंत्री मूलचंद शर्मा को ज्ञापन सौंपा

Posted by : pramod goyal on : Monday 10 May 2021 0 comments
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 फरीदाबाद,10 मई। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की अगुवाई में गोल्ड फिल्ड मेडिकल कॉलेज छायंसा से छंटनी हुए ठेका कर्मचारियों ने अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में समायोजन की मांग को लेकर सोमवार को कैबिनेट मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा को ज्ञापन सौंपा। इन कर्मचारियों का कहना था कि सरकार ने बंद हुए गोल्ड फिल्ड मेडिकल कॉलेज को टेक ओवर किया है तो उसकी सभी देनदारियों भी सरकार की ही होगी। उन्होंने कहा कि अस्पताल बंद होने की वजह से मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ को नौकरी से हाथ धोना पड़ा था। इसलिए अब जब सरकार इस अस्पताल को टेक ओवर करके इसका नाम अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल बदलकर कोविड अस्पताल बनाकर चलाने जा रही है तो 10 से 12 साल के अनुभव वाले मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ को भी एडजस्ट करना चाहिए। उन्होंने बताया कि औद्योगिक विवाद अधिनियम भी ऐसा ही कहता है। कैबिनेट मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि आपकी मांग जायज है और इस पर शीघ्र गंभीरता से विचार विमर्श कर सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने भी सरकार पर कोरोना योद्धा कहें जाने वाले स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों को कई जिलों में नौकरी से निकाल कर उनके मनोबल को तोड़ने का आरोप लगाया है। प्रतिनिधिमंडल ने सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की जिला कमेटी के सचिव व नगर निगम सफाई कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष बलबीर सिंह बालगुहेर, फरीदाबाद खंड के प्रधान करतार सिंह जागलान और गोल्ड फिल्ड मेडिकल कॉलेज के छंटनी ग्रस्त कर्मचारियों की ओर से नरेश भारद्वाज, सुभाष चंद शर्मा, पप्पू पारछा, श्रीपाल सिंह, सुभाष चन्द्र, धारा सिंह आदि शामिल थे। जिला सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर ने बताया कि कैबिनेट मंत्री से पहले डीसी की गैर मौजूदगी में उनके अधिक्षक को भी ज्ञापन सौंप कर छंटनी ग्रस्त कर्मचारियों के समायोजन की मांग की गई है। उन्होंने बताया कि शीघ्र पृथला के विधायक को भी ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया जाएगा।

सरकार कोरोना योद्धाओं का मनोबल तोड़ रही है।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने आरोप लगाया कि सरकार कोरोना योद्धा कहें जाने वाले स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत ठेका कर्मचारियों को नौकरी से निकाल कर उनके मनोबल को तोड़ रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी संरक्षण प्राप्त नए ठेकेदारों ने मेवात से 113,भिवानी 100,यमुनानगर 80,रोहतक    30,कुरुक्षेत्र 25 व कैथल से 2 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। उन्होंने बताया कि सिरसा, कैथल भिवानी, करनाल व जींद जिलों में कर्मचारी ड्यूटी तो दे रहे है। परंतु अभी लिस्ट जारी न होने से हाज़री नही लग रही, जिससे यहां भी नौकरी से हटाए जाने का खतरा है। उन्होंने बताया कि सिरसा, कैथल, करनाल, महेन्द्रगढ़ व जींद में स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों को पिछले दो महीनों से वेतन ही नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि अगर स्वास्थ्य विभाग व सरकार ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो राज्य भर के स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी कोई कठोर निर्णय लेने पर मजबूर होंगे।

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