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फरीदाबाद में कोरोना संक्रमित मरीजों का पाॅजीटिविटी रेट घटकर पहुंचा 12.1 प्रतिशत

Posted by : pramod goyal on : Sunday 23 May 2021 0 comments
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 फरीदाबाद, 23 मई। 




वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण का ग्राफ अब जिला फरीदाबाद में नीचे आने लगा है। इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब जिला में कोरोना संक्रमित मरीजों का पाॅजीटिविटी रेट घटकर 12.1 प्रतिशत तक पहुंच गया है अर्थात् अब जिला फरीदाबाद में रोजाना सामने आने वाले मरीजों की संख्या पहले की अपेक्षा बहुत कम हुई है। इसी प्रकार रिकवरी रेट का आंकड़ा भी बढ़कर 96 प्रतिशत तक हो गया है। 

इस बारे में जानकारी देते हुए उपायुक्त यशपाल ने बताया कि गत 24 अप्रैल को जिला में कोरोना संक्रमित मरीजों का पाॅजिटीविटी रिकवरी रेट 85.7 प्रतिशत दर्ज की गई थी। इसी प्रकार, 27 अप्रैल को 83.2 प्रतिशत, 2 मई को 82.3 प्रतिशत, 7 मई को 82.5
प्रतिशत, 12 मई को 88 प्रतिशत,14 मई को 89.6 प्रतिशत, 17 मई को 92.1 प्रतिशत,20 मई को 95 प्रतिशत  तथा 23 मई को  यह दर बढकर 96 प्रतिशत तक पहुंच गई। जिला फरीदाबाद में अब जहां एक ओर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या पहले के मुकाबले कम हुई है वहीं अब इससे ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में भी लगातार सुधार दर्ज किया जा रहा है। जिला के कोरोना संक्रमित मरीजों के रिकवरी रेट का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। वर्तमान में जिला का रिकवरी रेट 96 प्रतिशत हो गया है जोकि सराहनीय है। 
 उपायुक्त यशपाल ने बताया कि हमारा प्रयास है कि लोगों को अधिक से अधिक स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएं और उन्हें कोविड संक्रमण के बचाव उपायों के बारे में जागरूक किया जाए। इसके लिए प्रशासन द्वारा  स्वास्थ्यकर्मियों तथा अन्य विभागों के कर्मचारियों में आपसी बेहतर तालमेल द्वारा सेवाभाव के कार्य करते हुए लोगों को जरूरत अनुसार उनके घर तक भी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि जिला में कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों में पहले की अपेक्षा जागरूकता बढ़ रही है। जिला में कोरोना संक्रमित मरीज काफी संख्या में अब घर रहकर भी ठीक हो रहे हैं। 
  सिविल सर्जन डा.रणदीप पूनिया  ने बताया कि जिला में होम आइसोलेशन को लेकर लोगों का विश्वास पहले के मुकाबले बढ़ रहा है और लोग होम आइसोलेशन में रहकर बड़ी संख्या में ठीक हो रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग द्वारा होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की लगातार माॅनीटरिंग की जा रही है। ताकि उनकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को समय रहते दूर किया जा सके। इतना ही नहीं, होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की काउंसलिंग के लिए भी डाॅक्टरों की टीम लगाई गई है। जो लोगों में कोरोना को लेकर भय की स्थिति को दूर कर रहे हैं। यह टीम रोजाना प्रातः 11 बजे से 1 बजे तक वर्चुअल माध्यम से कोरोना संक्रमित मरीजों से जुड़ते हुए उनसे स्वास्थ्य संबंधी फीडबैक लेते है और हौसला अफजाई करते हैं। इसके अलावा, हैल्पलाइन नंबर-1950 के माध्यम से भी लोगों को वैक्सीनेशन कैंप सहित कोरोना संक्रमण संबंधी समस्याओं का समाधान किया जाता है। सोशल मीडिया के माध्यम से भी जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण संबंधी आवश्यक जानकारी सांझा की जा रही है। गंभीर रूप से संक्रमित मरीज वैबसाईट - covidggn.com  पर बैड के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। 
जिला चिकित्सा अधिकारी डा. पूनिया ने बताया कि जिला में कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान के लिए रोजाना लगभग 8 से 10 हजार लोगों की टेस्टिंग की जा रही है। हाईरिस्क एरिया में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सघन टेस्टिंग अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोेरोना संक्रमण को रोकने के लिए जरूरी है कि जिला में कोरोना संक्रमित मरीजों की जल्द से जल्द पहचान की जाए। उन्होंने बताया कि ऐसे मरीजों की पहचान समय रहते होने से उनका समय रहते इलाज हो जाता है जिससे उनकी जान का जोखिम भी कम रहता है। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव का एकमात्र उपाय कोविड अप्रोप्रिएट बिहेवियर तथा कोरोनारोधी टीकाकरण है। इसलिए लोग जल्द ही आरोग्य सेतु एप या कोविड पोर्टल पर वैक्सीनेशन के लिए अपना रजिस्टरेशन करवाए ताकि कोरोना संक्रमण की चैन को तोड़ा जा सके। वैक्सीनेशन के बाद भी लोग एक दूसरे से उचित दूरी बनाए रखें और फेस मास्क का प्रयोग करे। जहां तक संभव हो लोग घर में रहें और जब तक बहुत जरूरी ना हो घरों से ना निकले। लोग अपने हाथों को साबुन से धोते रहे और यदि ऐसा संभव ना हो तो सेनिटाइजर का इस्तेमाल अवश्य करें।

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