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स्कूल प्रबंधकों ने बिना शिक्षा निदेशक की अनुमति के शिक्षा सत्र 2021- 22 में ट्यूशन फीस व अपनी मर्जी से बनाए गए गैर कानूनी फंडों में 50% तक की वृद्धि कर दी है और अपने अभिभावकों को नोटिस भेजकर 15 अप्रैल तक बढ़ी हुई फीस जमा कराने का फरमान जारी कर दिया है ऐसा न होने पर 50 से ₹100 प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना लगाने को भी कहा है। हरियाणा अभिभा
वक एकता मंच ने स्कूलों की इस मनमानी का विरोध करते हुए इसकी शिकायत अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ महावीर सिंह, शिक्षा निदेशक जे गणेशन व चेयरमैन एफएफआरसी कम मंडल कमिश्नर फरीदाबाद से की है। मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि फरीदाबाद के लगभग 500 प्राइवेट स्कूलों में से सिर्फ 100 ने ही 31 मार्च तक शिक्षा सत्र 2021-22 की प्रस्तावित बढ़ी हुई फीस का विवरण फार्म 6 में भरकर शिक्षा निदेशक कार्यालय पंचकूला व जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा कराया है इनमें से कईयों ने नियमानुसार बैलेंस शीट की कॉपी भी नहीं लगाई है।मंच का कहना है कि जिन्होंने फार्म 6 जमा नहीं कराया वह तो फीस बढ़ा ही नहीं सकते हैं। प्राइवेट स्कूलों द्वारा फार्म 6 में लिखे गए विवरण की सत्यता की जांच शिक्षा निदेशक कार्यालय पंचकूला में अभी हो रही है और शिक्षा विभाग ने अभी किसी भी प्राइवेट स्कूल को फीस बढ़ाने की अनुमति नहीं दी है उसके बावजूद स्कूल संचालकों ने फार्म 6 जमा कराते ही फीस वृद्धि करके उसे अभिभावकों से वसूलना शुरू कर दिया है। मंच ने इस पर अपना कड़ा विरोध दर्ज करते हुए स्कूलों की इस मनमानी की शिकायत शिक्षा निरीक्षक की है। मंच के जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिव कुमार जोशी व जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा है कि अभिभावकों ने बड़ी मुश्किल से आर्थिक तंगी सहते हुए भी स्कूल प्रबंधकों को शिक्षा सत्र 2020-21 की ट्यूशन फीस मार्च 21 तक की जमा करा दी है। अब स्कूल प्रबंधक पिछला एनुअल चार्ज व अन्य फंडों में फीस अभिभावकों से मांग रहे हैं इसके साथ साथ चालू शिक्षा सत्र के लिए भी बढ़ाई गई ट्यूशन फीस, एनुअल चार्ज व अन्य कई गैर कानूनी फंडों में भी फीस देने का दबाव अभिभावकों पर डाल रहे हैं। मंच ने स्कूल प्रबंधकों से कहा है कि जब तक शिक्षा विभाग फीस बढ़ाने की अनुमति ना दे तब तक वह किसी प्रकार की फीस ना बढ़ाएं।
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