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प्राइवेट स्कूलों में अभिभावकों के साथ साथ अध्यापकों का भी शोषण

Posted by : pramod goyal on : Wednesday 14 April 2021 0 comments
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 हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने कोरोना काल का फायदा उठाते हुए अपने कई अध्यापकों को नौकरी से हटा दिया है,उनको तनखा भी नहीं दी है। मंच के जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा है कि स्कूल  प्रबंधकों ने अप्रैल 2020 से लेकर मार्च 2021 तक की पूरी ट्यूशन फीस व अन्य फंडों में अभिभावकों से फीस तो पूरी वसूल ली है लेकिन अध्यापकों और अपने कर्मचारियों को सैलरी नहीं दी है और यदि दी है तो वह आधी जबकि हस्ताक्षर पूरी तनखा पर कराए हैं। कई अध्यापकों व कर्मचारियों को तो बिना तनखा दिए, बिना नोटिस दिए ही निकाल दिया है। पीड़ित अध्यापकों के संगठन शिक्षक संघ के अध्यक्ष जगदीश सिंह सोलंकी ने स्कूलों की इस मनमानी के बारे में मंच से संपर्क करके पीड़ित अध्यापकों की मदद करने का आग्रह किया है जिस पर मंच ने उनकी हर संभव मदद करने का फैसला लिया है। जगदीश सोलंकी ने मंच को बताया है कि रतन कान्वेंट स्कूल के अध्यापक अकरम सैफी, डीपीएस 11 के अध्यापक रमेश कुमार,तिगांव के एक स्कूल के पीटीआई सतवीर, सर्वोदय स्कूल डबुआ की अध्यापक गीता सागवान, अन्य पीड़ित अध्यापक प्रमोद कुमार, शिव कुमार, वीरपाल, अग्रवाल पब्लिक स्कूल आदि स्कूलों के कई अध्यापकों को निकाल दिया गया है। उनका ब्यौरा इकट्ठा करके शीघ्र ही मंच को उपलब्ध कराया जाएगा।

अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा, प्रदेश संरक्षक सुभाष लांबा ने कहा है कि मार्च, अप्रैल 2020 में कोरोना का प्रकोप शुरू होने पर प्रधानमंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय ने कहा था कि अध्यापकों को ड्यूटी से ना निकाला जाए उन्हें पहले से मिलती

आ रही तनख्वाह को ही दिया जाए लेकिन स्कूल प्रबंधकों ने इन सबकी अपील को ठुकराते हुए कोरोना काल का फायदा उठाकर कई अध्यापकों को निकाल दिया, कईयों की तनखा बंद कर दी, कईयों को लमसम पेमेंट दिया। मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा, जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिव कुमार जोशी ने कहा है कि एक ओर स्कूल प्रबंधक अपने टीचर व कर्मचारियों को पूरी तनखा देने के नाम पर पेरेंटस से पूरी फीस वसूल रहे हैं उसके बावजूद स्कूलों को घाटे में चलता हुआ बता रहे हैं तो दूसरी ओर पिछले 5 से 10 सालों से पूरी मेहनत और लगन से स्कूल वालों की सेवा कर रहे अपने अध्यापक व कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रहे हैं और  अधिकांश को तनखा भी नहीं दे रहे हैं। कई अध्यापकों ने मंच को बताया है कि स्कूल प्रबंधक ₹10000 दे रहे हैं लेकिन हस्ताक्षर 25 से 30,000 पर करा रहे हैं इसका विरोध करने पर स्कूल से निकाल देने की धमकी देते हैं। इसीलिए वे चुप रह कर इस मनमानी को सह रहे हैं। कैलाश शर्मा ने कहा है कि कोरोना काल में आन लाइन कक्षाएं लगने से टीचरों ने पहले से अधिक दो से तीन गुणा कार्य किया  है इसके बावजूद स्कूल प्रबंधक उनका आर्थिक व मानसिक शोषण कर रहे हैं अभिभावक एकता मंच ने  चेयरमैन सीबीएसई, मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर फरीदाबाद सहित प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों द्वारा अप्रैल 2020 से लेकर मार्च 2021 तक अपने अभिभावकों से वसूली गई हर प्रकार की पूरी फीस के ब्यौरे,अपने अध्यापक व कर्मचारियों को दी गई तनख्वाह व अन्य मदों में किए गए खर्चे की रकम के  विवरण तथा अप्रैल 2020 से पहले स्कूलों में कितने अध्यापक व कर्मचारी कार्यरत थे और उसके बाद मार्च 21 तक कितने अध्यापक व  कर्मचारियों को स्कूल के रिकॉर्ड में कार्यरत दिखाया गया है इन सब बातों की एक उच्च अधिकार प्राप्त कमेटी से जांच कराने की मांग की है। प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा ने कहा है कि अगर सरकार ने मंच की इस मांग पर कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की तो इन सब बातों की जांच कराने के लिए पंजाब एंड हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की जाएगी।मंच में सभी पीड़ित अध्यापक व कर्मचारियों से कहा है कि वे तुरंत मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, चेयरमैन सीबीएसई व शिक्षा निदेशक हरियाणा को पत्र लिखकर स्कूलों की इस मनमानी की शिकायत सबूत के साथ व्यक्तिगत रूप से करें और उसकी एक प्रति मंच के जिला कार्यालय चेंबर नंबर 56 जिला कोर्ट फरीदाबाद में जमा कराएं। जिससे उनकी मदद करने की प्रक्रिया शुरू की जा सके।

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