HEADLINES


More

आक्सीजन व कोरोना की दवाईयां की कालाबाजारी पर रोक लगाने की मांग की सर्व कर्मचारी संघ ने

Posted by : pramod goyal on : Thursday 29 April 2021 0 comments
pramod goyal
//# Adsense Code Here #//

 फरीदाबाद,29 अप्रैल। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने आक्सीजन व वेंटिलेटर बेड्स की कमी के चलते हो रही मौतों पर गहरा दुःख प्रकट किया है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने सरकार से सख्त कदम उठाते हुए आक्सीजन व कोरोना की दवाईयां की कालाबाजारी पर रोक लगाने और आक्सीजन की सप्लाई सामान्य कर मरीजों की जान बचाने की मांग की है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा


के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने सभी कर्मचारियों से संकट की इस घड़ी में जनता को आवश्यक सेवाएं प्रदान करने और लोगों की जान बचाने के लिए युद्धस्तर पर  कार्य करने का आह्वान किया है। सकसं नेताओं ने अपनी जान जोखिम में डालकर मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ सहित पुलिस, बिजली,नगर निगम,जन स्वास्थ्य, रोड़वेज आदि आवश्यक सेवाओं में दिन-रात जुटे कर्मचारियों की सराहना करते हुए उनकी हौसला अफजाई भी की। उन्होंने सरकार से सभी कर्मचारियों को वैक्सीन लगवाने, सुरक्षा के सभी उपकरण एवं समान देने और कोरोना में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों की मृत्यु होने पर एक करोड़ का बीमा राशि देने की मांग की है। उन्होंने कोविड 19 से सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के यमुनानगर के जिला सचिव राजपाल सांगवान, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के पूर्व राज्य उप प्रधान गजे सिंह भ्याण व कुरुक्षेत्र जिले के प्रधान सतबीर नरवाल सहित दर्जनों कर्मचारी नेताओं एवं उनके सैकड़ों परिजनों और हजारों की तादाद में हुई आमजन की हुई मृत्यु पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित कीीे और शोकाकुल परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि अगर हमारे पास जरुरत के मुताबिक आक्सीजन व वेंटिलेटर बेड्स होते तो हजारों लोगों की जान को बचाया जा सकता था।  उन्होंनेे कहा कि कोरोना की पहली लहर से यह साबित हो गया था कि सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करके ही कोरोना जैसी महामारी से निपटा जा सकता है। लेकिन सरकार नेे एक साल के अंदर सरकारी स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए, जिसके कारण ही आज यह हालात बने हुए हैंं और अब कोई इसकी जिम्मेदारी लेने की बजाय एक नया शब्द सिस्टम को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।


उन्होंने बताया कि सरकार व स्वास्थ्य विभाग के दावों और अस्पतालों की ज़मीनी हकीकत में दिन-रात का अंतर है। जमीनी हकीकत यह है कि सरकारी व निजी अस्पतालों में बेड्स,आक्सीजन व वेंटिलेटर बेड्स नहीं है और कोरोना मरीज आक्सीजन के अभाव में परिजनों के सामने दम तोड़ रहे हैं। मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ बिना हथियारों के कोरोना से जंग कैसे लड़ पाएंगे ? आवश्यक सेवाओं में तैनात कर्मचारियों के पास कोरोना से बचाव के लिए सुरक्षा किट तक उपलब्ध नहीं है। इसके बावजूद सरकारी अमला अपनी जान की परवाह न करते हुए दिन रात जनता को बचाने और आवश्यक सेवाएं प्रदान करने में जुटे हुए हैं। सरकार को आमजन के साथ ही इन फ्रंट लाइन योद्धाओं को बचाने और उनकी हौसला अफजाई करने की आवश्यकता है।

No comments :

Leave a Reply