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गोल्ड फील्ड मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कार्यरत सैकड़ों कर्मचारी सेवा बहाली की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

Posted by : pramod goyal on : Friday, 9 April 2021 0 comments
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 फरीदाबाद 9 अप्रैल गोल्ड फील्ड मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कार्यरत सैकड़ों कर्मचारी अपनी सेवा बहाली की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं। यह जानकारी सीटू के  जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने दी। डंगवाल आज धरने पर बैठे कर्मचारियों को संबोधित करने के लिए मेडिकल कॉलेज के गेट पर गए  हुए थे। उन्होंने हरियाणा सरकार पर पिछले 8 वर्षों से गोल्ड फील्ड अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में कार्यरत कर्मचारियों को ड्यूटी पर नहीं लेने का आरोप लगाया। उन्होंने बता


या कि इस संस्थान की मैनेजमेंट  और सरकार के बीच में विवाद चल रहा था। क्योंकि पुरानी मैनेजमेंट ने अस्पताल और कॉलेज को चलाने के लिए सरकार से लोन ले रखा था। इस लोन की भरपाई नहीं हो सकी। लेकिन मैनेजमेंट  कर्मचारियों से काम करते रहने की बात करती रही। अस्पताल के तत्कालीन  प्रबंधकों ने वेतन देने का वादा किया था। लेकिन 2016 में सरकार ने इसको बंद कर दिया और अब इस कॉलेज और अस्पताल को हरियाणा सरकार ने अपने अधीन कर लिया है। अब इसका नाम बदल कर अटल बिहारी बाजपेई मेडिकल कॉलेज और अस्पताल रख दिया है। इस अस्पताल को चलाने के लिए एक डायरेक्टर और एक डिप्टी डायरेक्टर आउटसोर्सिंग पर लगाए गए हैं। जबकि चिकित्सकों की भर्ती नियमित रूप से हो रही है। लेकिन सरकार के द्वारा इसका अधिग्रहण करने के बाद इसमें पहले से कार्यरत सैकड़ों विभिन्न कैटेगरी के कर्मचारियों को ड्यूटी पर नहीं लिया जा रहा है। इस कॉलेज में मेंटेनेंस स्टाफ  से लेकर के लैब टेक्नीशियन, ए सी टेक्नीशियन, ओटी टेक्निशियन, वार्ड बॉय, सिविल इंजीनियर, लैब असिस्टेंट, लाइब्रेरी असिस्टेंट, पलंबर, स्वीपर, एमपीएचडब्ल्यू, अटेंडेंट, वार्ड बॉय, वासर मैन, कंप्यूटर ऑपरेटर, सिक्योरिटी गार्ड, हेल्पर, इलेक्ट्रिशियन फार्मेसिस्ट, ड्राइवर, अटेंडेंट, नर्सिंग स्टाफ, टेलीफोन टेक्नीशियन, एम आर आई टेक्निशियन, डायलिसिस टेक्निशियन, एमआरडी मार्केटिंग डिपार्टमेंट, गैस मनी फोल्डर डिपो, स्टोर अटेंडेंट, सहित अनेकों श्रेणी के कर्मचारी नौकरी से बाहर निकाल रखे हैं। इनके सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। डंगवाल ने बताया कि नई मैनेजमेंट पुराने कर्मचारियों को ड्यूटी पर नहीं ले रही है। जबकि वर्ष 2006 में सरकार के साथ लिखित में फैसला हुआ था। कि किसी भी संस्थान में ठेकेदार के बदलने के बाद भी नए ठेकेदार को पुराने कर्मचारियों को भी ड्यूटी पर वापस लेना होगा। लेकिन इस कॉलेज की प्रबंधक कमेटी पुराने कर्मचारियों को ड्यूटी में नहीं ले रही है। इसके खिलाफ आंदोलन को तेज किया जाएगा। आज के धरने की अध्यक्षता नरेश भारद्वाज ने की जबकि धरने को अरुण भाटी, सुनील प्रधान, जितेंद्र भाटी, श्री चंद, ललिता, कांता, शारदा, ने भी संबोधित किया।

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