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ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन आईपा ने पूरे देश में प्राइवेट स्कूलों के लिए जायज व वैधानिक फीस लेने का केंद्रीय कानून बनाने का ड्राफ्ट बनाकर उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उचित कार्रवाई हेतु भेजा है। आईपा ने इस ड्राफ्ट को केंद्र सरकार से मंजूरी दिलाने के लिए पूरे देश में" एक देश, एक फीस, जायज फीस " नाम से ट्वीट अभियान चलाया है। आइपा की ओर से सभी
पेरेंट्स व जागरूक नागरिकों से अपील की गई है वे मोदी जी के टि्वटर हैंडल पर ड्राफ्ट को लेकर की गई अपील को अधिक से अधिक रीट्वीट करें और कराएं।
आईपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि ड्राफ्ट को आम जनता के लिए सार्वजनिक करते हुए उसकी एक प्रति सभी संसद सदस्यों को भेजकर उनसे भी पेरेंटस के हित में इस बिल को लोकसभा व राज्यसभा में पारित कराने में अपना समर्थन व सहयोग देने की अपील की गई है। प्रधानमंत्री को भेजे गए ड्राफ्ट में मुख्य रूप से इन बातों को शामिल किया गया है। पूरे राष्ट्र में फीस रेगुलेशन एक्ट बनाया जाए और विशेष कमेटी के द्वारा इसकी मॉनिटरिंग की जाए। इस विशेष कमेटी में अभिभावकों की भागीदारी ज्यादा हो। ड्राफ्ट में सभी प्राइवेट स्कूलों का सीएजी के द्वारा ऑडिट कराकर स्कूलों की आमदनी व जायज खर्चा को देखकर ही उन्हें फीस बढ़ाने की अनुमति दी जाए,पूरे देश में एक जैसी शिक्षा, सबको समान रूप से मिले इसकी व्यवस्था की जाए, फीस बढ़ोतरी से पहले सरकार द्वारा उच्च अधिकार प्राप्त फीस एंड फंडस रेगुलेटरी कमेटी की मंजूरी ली जाए और 5 साल से पहले कोई फीस ना बढ़ाई जाए, पूरे देश में एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित की गई किताबों को ही लगाया जाए,आदि कई अहम बातों को शामिल किया गया है। आइपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व वरिष्ठ एडवोकेट अशोक अग्रवाल ने कहा है कि यह राष्ट्रीय फीस रेगुलेशन ड्राफ्ट प्राइवेट स्कूल संचालक व अभिभावकों के हित में ही बनाया गया है अगर केंद्र सरकार इसको मंजूरी प्रदान करके लागू करती है तो इससे आए दिन फीस व फंड्स को लेकर स्कूल व पेरेंट्स के बीच होने वाले टकराव पर काफी हद तक अंकुश लग सकता है।
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