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ऑनलाइन लाइन क्लास बंद करने की धमकी देकर वसूल रहे हैं बढ़ाई गई फीस

Posted by : pramod goyal on : Wednesday 21 April 2021 0 comments
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 शिक्षा का व्यवसायीकरण करके छात्र व अभिभावकों का आर्थिक व मानसिक शोषण करते आ रहे निजी स्कूल प्रबंधक देश व समाज पर कोरोना वायरस के रूप में आई इस दूसरी भयंकर विपता के समय भी  लूटखसोट व मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। हरियाणा अभिभावक एकता मंच का आरोप है कि स्कूल प्रबंधकों ने अभिभावकों के पास नोटिस भेजकर बढ़ाई गई अप्रैल मई-जून की फीस 25 अप्रैल तक जमा कराने को कहा है। ऐसा न होने पर 50 से ₹100 प्रतिदिन का जुर्माना और ऑनलाइन क्लास बंद करने की धमकी  दी जा रही है। मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है स्कूल प्रबंधक देश व समाज पर आई इस भयंकर विपिता के समय भी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। जिन अभिभावकों ने उनको 13 महीने पहले तक मनमानी फीस देकर काफी लाभ पहुंचाया वे अब कोरोना काल में आर्थिक मंदी के शिकार व परेशान अभिभावकों को अब भी लूटने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं जबकि 30 अप्रैल तक स्कूल बंद है और कोई पढ़ाई भी शुरू नहीं हुई है। हरियाणा सरकार ने 31 मई तक अध्यापकों को भी ग्रीष्म अवकाश प्रदान कर दिया है। इसके अलावा 550 प्राइवेट स्कूल में से जिन 100 स्कूलों ने बैलेंस शीट के साथ फार्म 6 पर फीस का ब्यौरा व अन्य जानकारी लिखी है उसकी जांच पड़ताल अभी शिक्षा निदेशक ने नहीं की है और ना फीस बढ़ाने की अनुमति दी है उसके बावजूद स्कूल प्रबंधकों ने फार्म 6 भरते ही फीस बढ़ा दी है और कई  गैर कानूनी फंडों में फीस मांग र


हे हैं।नियमानुसार जिन 450 स्कूलों ने फार्म 6 जमा ही नहीं कराया है वह तो किसी भी प्रकार से बढ़ी हुई फीस वसूल ही नहीं सकते हैं लेकिन वे भी मनमानी फीस मांग रहे हैं। मंच ने स्कूलों के नोटिस की कॉपी को मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, चेयरमैन सीबीएसई, शिक्षा सचिव व शिक्षा निदेशक हरियाणा को भेजकर ऐसे दोषी स्कूलों के खिलाफ उचित कार्रवाई करते हुए उनकी मान्यता रद्द करने की मांग की है। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने बताया कि डीएवी 14 व अन्य कई स्कूलों ने पेरेंट्स को जो नोटिस भेजा है उसमें ट्यूशन फीस, वार्षिक व डेवलपमेंट फंड में 20 से 30% तक की वृद्धि कर दी है। आर्थिक मंदी व काम धंधे बंद हो जाने के कारण पेरेंट्स ने बड़ी मुश्किल से पिछले 12 महीने की ट्यूशन फीस जमा कराई है अब स्कूल प्रबंधक पिछला वार्षिक शुल्क के साथ साथ अगला  वार्षिक शुल्क भी मांग रहे हैं। अभिभावक इस मनमानी का विरोध कर रहे हैं तो उनके बच्चों का रिपोर्ट कार्ड नहीं दिया जा रहा है, अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जा रहा है और ऑनलाइन क्लास बंद  करके उनको हरासमेंट किया जा रहा है।

मंच के प्रदेश संरक्षक सुभाष लांबा व जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा है कि जिन अभिभावकों के वोट से जनप्रतिनिधि आज मंत्री व विधायक बने हैं वे स्कूल प्रबंधकों की इस मनमानी पर एक भी शब्द नहीं बोल रहे हैं और वे परेशान और दुखी अभिभावकों की कोई भी मदद नहीं कर रहे हैं उल्टे स्कूल प्रबंधकों को संरक्षण प्रदान कर रहे हैं। इससे अभिभावकों में काफी रोष है। मंच ने स्कूल प्रबंधकों से कहा है कि वे कोरोना कॉल का फायदा ना उठाएं और फीस को लेकर छात्र व अभिभावकों को परेशान ना करें।मंच ने छात्र व अभिभावकों से कहा है कि वे जिला प्रशासन द्वारा  लॉकडाउन/अन लॉकडाउन के समय बनाई गई गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन करते हुए अपने घरों में ही रहें और स्कूलों के इस तरह के नोटिसो से न घबराएं और स्कूलों की प्रत्येक मनमानी का डटकर विरोध करें। मंच पूरी तरह से उनके साथ है।

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