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कर्मचारी 18 अप्रैल को कैबिनेट मंत्री प. मूलचंद शर्मा के आफिस पर प्रदर्शन करेंगे

Posted by : pramod goyal on : Thursday 15 April 2021 0 comments
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 फरीदाबाद,15 अप्रैल। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत लंबित मांगों की अनदेखी करने और विभागों में निजीकरण की मुहिम को तेज करने के खिलाफ कर्मचारी 18 अप्रैल को कैबिनेट मंत्री प. मूलचंद शर्मा के आफिस पर प्रदर्शन करेंगे। इस प्रदर्शन में सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, नगर निगम, वाईएमसीए युनिवर्सिटी के अनुबंधित व नियमित कर्मचारी शामिल होंगे। कर्मचारी सेक्टर 8 स्थित हनुमान मंदिर पर एकत्रित होंगे और वहां से बाजार में मांगों के समर्थन और सरकार के अड़ियल रवैए के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जुलूस की शक्ल में कैबिनेट मंत्री के सेक्टर 8 स्थित आफिस पर पहुंचें


गे। यह निर्णय बृहस्पतिवार को नगर निगम सफाई कर्मचारी यूनियन के कार्यलय में आयोजित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की जिला कमेटी की बैठक में लिया गया। इस बैठक में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, जिला सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर,प्रेस सचिव राजबेल देसवाल,खंड प्रधान करतार सिंह, सचिव जगदीश चंद्र, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रघुबीर चौटाला, अध्यापक नेता भीम सिंह, टूरिज्म निगम के नेता मूरारी लाल,मामराज चौहान व राकेश चिंडालिया आदि उपस्थित थे।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि महंगाई बढ़ती जा रही है और सरकार ने महंगाई भत्ते पर रोक लगा रखी है। जिसके कारण प्रत्येक कर्मचारी को 70 से 90 हजार रुपए का नुक्सान उठाना पड़ रहा है। रिटायर हो रहे कर्मचारियों को तो लाखों का नुक्सान हो गया है। उन्होंने सरकार डीए बहाल करने के प्रति गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि पूरानी पेंशन बहाल करने और ठेका प्रथा समाप्त कर ठेका कर्मियों को सीधे विभागों के पे-रोल पर लेने, कच्चे कर्मियों को पक्का करने और समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने जैसी जायंज मांगों को भी सरकार जानबूझकर लटका के रखना चाहती है। उन्होंने बताया कि बैठक में  सर्व सम्मति से पारित किए गए प्रस्ताव में आंदोलनों को रोकने के उद्देश्य से बनाए गए संपत्ति वसूली विधेयक-2021घोर निंदा करते हुए इस कानून सहित तीन कृषि कानूनों को रद्द करने व एमएसपी की गारंटी करने का कानून बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि दर्जनों विभागों के कर्मचारियों को 3 से लेकर 6 महीने से वेतन नहीं मिला है। उन्होंने कहा की ठेकेदार बदल जाने की सूरत में मुख्य सचिव, हरियाणा सरकार के ठेका सफाई कर्मचारियों को नौकरी से नही निकालने के आदेशों को धत्ता बताते हुए ठेकेदार ने मार्किट कमेटी करनाल से 22 सफाई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। इसी प्रकार कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड से 65 सफाई कर्मचारियों को नौकरी से निकाला हुआ है। उन्होंने बताया कि एक एजेंसी को ठेका देने के नाम पर स्वास्थ्य विभाग, आईटीआई सहित अनेक विभागों में कई कई सालों से कार्यरत ठेका कर्मचारियों को नौकरी से निकाल कर अपने चेहतों को नौकरी पर लगाने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि सीएम के आश्वासन के बावजूद 1983 बर्खास्त पीटीआई को अभी तक एडजस्ट नही किया गया है और वे अब भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं तथा वह आत्महत्याएं करने पर मजबूर हो रहे हैं। 

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