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फरीदाबाद,22 मार्च।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा से संबंधित आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन का राज्य सम्मेलन 22-23 मार्च,2021 को सिरसा में आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में सरकार व बिजली निगम प्रबंधकों द्वारा कर्मचारियों की लंबित जायज मांगों की अनदेखी कर निजीकरण की नीतियों को तेजी से लागू करने के खिलाफ राज्य स्तर पर आंदोलन का निर्णय भी लिया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुभाष लांबा, उप महासचिव रमेश चन्द्र व केन्द्रीय कमेटी के सदस्य शब्बीर अहमद गनी ने बताया कि इस सम्मेलन में कोविड 19 के संदर्भ में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस की पालना करते हुए प्रतिनिधियों की संख्या को कम किया गया है। लेकिन महिला व ठेका कर्मियों के प्रतिनिधियों को इसमें छूट दी गई है। राज्य प्रधान सुरेश राठी झंडा फहरा कर सम्मेलन का शुभारंभ करेंगे। उन्होंने बताया कि सम्मेलन का उद्घाटन इलैक्ट्रिसिटी इंम्पलाईज फैडरेशन ऑफ इंडिया (ईईएफआई ) के राष्ट्रीय महासचिव प्रशांत नंदी चोधरी करेंगे। सम्मेलन को सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के महासचिव सतीश सेठी, मजदूर संगठन सेंटर आफ ट्रेड यूनियनस की राज्य प्रधान सुरेखा, अखिल भारतीय किसान सभा हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष व सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के संस्थापक फूल सिंह श्योकंद बतौर मुख्य वक्ता संबोधित करेंगे। सम्मेलन के दुसरे सत्र में आंदोलनात्मक व सांगठनिक रिपोर्ट महासचिव नरेश कुमार और वित्त की रिपोर्ट राज्य वित्त सचिव अजय वशिष्ठ प्रतिनिधियों के समक्ष बहस के लिए प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने बताया कि सम्मेलन के अंतिम सत्र में प्रतिनिधि नयी केन्द्रीय कमेटी का चुनाव करेंगे।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष व एएचपीसी वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि सरकार के निर्देश पर निगम प्रबंधकों ने आउटसोर्सिंग नीति की धज्जियां उड़ाते हुए स्वीकृत रिक्त पदों के विरुद्ध एएलएम, जीएसए, जीएसओ व एलडीसी को पार्ट-1 में लगाया हुआ है। सरकार की पालिसी के अनुसार इन कर्मचारियों को पार्ट-2 में होना चाहिए। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में ठेका प्रथा समाप्त कर ठेका कर्मियों को सीधे निगमों के पे-रोल पर करने, ठेका कर्मियों को पक्का करने,पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने की मांग की। उन्होंने पार्ट-1 में लगे ठेका कर्मचारियों को आकस्मिक व मेडिकल लीव देने, पुरानी पेंशन बहाल करने, आनलाइन ट्रांसफर पालिसी को रद्द करने, एक्स ग्रेसिया रोजगार स्कीम में लगाई गई शर्तो को हटाने, पुलिस की तर्ज पर बिजली कर्मचारियों को पांच हजार रुपए जोखिम भत्ता देने, निजीकरण की नीतियों पर रोक लगाने आदि मांगों को सम्मेलन में प्रमुखता से उठाया जाएगा और आंदोलन का ऐलान किया जाएगा।
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