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फरीदाबाद,21 फरवरी।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के शिष्टमंडल ने रविवार को पृथला विधायक नयनपाल रावत को मांगों का मांग पत्र सौंपकर बजट सत्र में कर्मियों की लंबित मांगों को उठाने की मांग की। विधायक ने मांगों को जायज बताते हुए सकसं के शिष्टमंडल को आश्वासन दिया कि विधायक दल की बैठक में मांगों को प्रमुखता से उठाया जाएगा और बातचीत से समाधान करने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया जाएगा। सकसं के शिष्टमंडल का नेतृत्व सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री,अभारासकम के कोषाध्यक्ष श्रीपाल सिंह भाटी, जिला प्रधान अशोक कुमार, सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर, कोषाध्यक्ष युद्धवीर सिंह खत्री,खंड प्रधान करतार सिंह, रमेश चन्द्र तेवतिया, दिनेश शर्मा, जितेंद्र कुमार आदि कर रहे थे। कर्मचारी नेताओं ने दो टूक कहा कि अगर सरकार ने कर्मचारियों की लंबित मांगों का बातचीत से समाधान नहीं किया तो मार्च महीने में सभी मंत्रियों के आवासों पर प्रदर्शन किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इससे पहले 26 फरवरी को सभी जिला मुख्यालयों पर सामूहिक धरने प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे और मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन उपायुक्तों को सौंपे जाएंगे। विधायक नयनपाल रावत को सौंपे गए मांग पत्र में केरल सरकार की तर्ज पर कर्मियों व पेंशनर्स के रोकें गए डीए को एरियर्स सहित बहाल करने, पुरानी पेंशन स्कीम व एलटीसी को बहाल करने, ठेका प्रथा समाप्त कर ठेका कर्मियों को पक्का करने, पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने, पीटीआई सहित सभी विभागों में छंटनी किए गए कर्मचारियों को बहाल करने,जन सेवाओं के तेजी से किए जा रहे निजीकरण पर रोक लगाने, छठे व सातवें वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने,दस साल की बजाय 5 साल में पे रिवीजन करने, 5-9-14 साल उपरांत एसीपी का लाभ देने,एक्स ग्रेसिया रोजगार स्कीम में लगाई गई शर्तो को हटाने, हरियाणा टूरिज्म, महिला एवं बाल विकास विभाग,जन स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों के कई कई महीनों के बकाया वेतन का भुगतान करने व युनिवर्सिटी की स्वायत्तता बहाल करने आदि मांगों को प्रमुखता से उठाया गया है। शिष्टमंडल ने हरियाणा वेयर हाउस कारपोरेशन के पेंशनर्स कोष में राशि डालने की मांग की, ताकि पेंशनर्स को अबाधित रुप में पेंशन मिलना सुनिश्चित किया जा सके।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने केन्द्र एवं राज्य सरकार पर कर्मियों की लंबित मांगों की अनदेखी करने और जन सेवाओं का तेजी से निजीकरण का आरोप लगाते हुए कर्मचारियों से सरकार के खिलाफ निर्णायक आंदोलन का निर्माण करने का आह्वान किया। उन्होंने किसान आंदोलन में सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देने और आंदोलन का समर्थन करने के आरोप में दो जेबीटी टीचरों व एक प्रोग्राम आफिसर को निलंबित करने की घोर निन्दा की और इनकी बहाली की मांग की। उन्होंने सीएम के आश्वासन के बावजूद बर्खास्त पीटीआई को अभी तक एडजस्ट न करने और ड्राइंग टीचरों, खेल कोटे में लगे ग्रुप डी के कर्मचारियों व केडीबी कुरुक्षेत्र व मार्किट कमेटी करनाल आदि कई विभागों से हजारों कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त करने की घोर निन्दा की ओर छंटनी किए गए सभी कर्मचारियों को वापस सेवा में लेने, बिजली अमेंडमेंट बिल 2021 व नई शिक्षा नीति को वापस लेने की मांग की। उन्होंने प्री मेच्योर रिटायरमेंट का सर्कुलर वापस लेने और ग्रुप डी में लगे ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट को ग्रुप सी में प्रमोट करने की मांग की। उन्होंने किसान आंदोलन का पुरजोर समर्थन किया और केन्द्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों को रद्द न करने की हठधर्मिता की घोर निन्दा की गई और आंदोलन में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
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