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फरीदाबाद,18 फरवरी।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बेनर तले बृहस्पतिवार को विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने तिगांव के विधायक राजेश नागर को कर्मियों की लंबित मांगों का माग पत्र सौंपा और बजट सत्र में कर्मियों की मांगों को उठाने की मांग की। विधायक ने कर्मचारियों की मांगों को जायज ठहराया और सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के शिष्टमंडल को शीध्र बातचीत के द्वारा मांगों का समाधान करवाने का भरोसा दिलाया। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के शिष्टमंडल मे प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, जिला प्रधान अशोक कुमार, सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर,खंड प्रधान करतार सिंह, बिजली कर्मचारी नेता सतीश छाबड़ी, दिनेश शर्मा, मास्टर भीम सिंह आदि शामिल थे। विधायक को सौंपे मांग पत्र में पुरानी पेंशन डीए व एलटीसी बहाल करने, छंटनी किए गए कर्मियों को वापस सेवा में लेने, ठेका प्रथा समाप्त करने, ठेका कर्मचारियों को सीधे विभागों के पे-रोल पर लेने, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने,पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने, टूरिज्म व महिला एवं बाल विकास विभाग सहित अन्य विभागों के कर्मियों के बकाया वेतन देने आदि मांगों को प्रमुखता से उठाया गया है। प्रदर्शन में किसान आंदोलन का समर्थन किया और केन्द्र सरकार की किसान विरोधी तीन कृषि कानूनों को रद्द न करने की हठधर्मिता की घोर निन्दा की गई। किसानों का समर्थन करने पर दो जेबीटी टीचरों व प्रोग्राम आफिसर को निलंबित किया गया है। उन्होंने सरकार के इस कदम को अलोकतांत्रिक एवं जनवादी अधिकारों पर हमला बताते हुए इसकी घोर निन्दा की।
कर्मचारियों को संबोधित करते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर 6 फरवरी तक कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं किया गया तो मार्च महीने में सभी मंत्रियों के आवासों पर सामूहिक धरने आयोजित कर प्रदर्शन किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कहा कि सरकार लंबित मांगों का समाधान करने की बजाय उनका दमन एवं उत्पीड़न करके दबाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा व जजपा सरकार विधानसभा चुनावों में जारी धोषणा पत्र में कर्मियों से किए वादों को पूरा करने की बजाय सरकारी विभागों को निजी हाथों में सौंपने की मुहिम को तेज कर दिया है। इसके साथ ही कोविड 19 को अवसर में बदलकर श्रम कानूनों को समाप्त कर लेबर कोड्स बना दिए हैं और कर्मचारियों के डीए व एलटीसी को बंद कर दिया है और इसमें पेंशनर्स तक को नही बक्शा गया। उन्होंने कहा कि प्री मेच्योर रिटायरमेंट करने, प्रमोशन व एसीपी में टेस्ट की शर्त लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी देकर सरकार ने कर्मचारियों पर ताजा हमले किए गए। जिसका कर्मचारी व्यापक एकता के साथ माकूल जवाब देंगे।
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