नई दिल्ली:
केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के चक्काजाम का असर देश भर में देखने को मिला. पंजाब-हरियाणा, राजस्थान ही नहीं तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना में भी किसानों और उनका समर्थन कर रहे संगठनों ने राजमार्ग जाम कर यह दिखाया कि किसान आं
दोलन सिर्फ एक-दो राज्यों तक सीमित नहीं है. किसानों का यह विरोध प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा.
यूपी, उत्तराखंड और दिल्ली (Delhi) में किसानों ने चक्काजाम नहीं करने का ऐलान किया था, दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे 50 से ज्यादा लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. चक्काजाम के आह्वान को लेकर राजधानी दिल्ली, यूपी समेत तमाम राज्यों में अभूतपूर्व सुरक्षा बंदोबस्त देखे गए. दिल्ली-एनसीआर में 50,000 के करीब जवानों की तैनाती की गई और लाल किले को छावनी में तब्दील कर दिया गया था.
हरियाणा में किसानों ने अतोहन चौक के पास पलवल-आगरा हाईवे को ब्लॉक कर दिया. हरियाणा के फ़तेहाबाद में किसानों ने वाहनों के हॉर्न बजाकर चक्का जाम का कार्यक्रम समाप्त किया.पंजाब के अमृतसर में दिल्ली-अमृतसर नेशनल हाईवे समेत कई इलाकों में राजमार्ग पूरी तरह जाम रहे.
दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस के अलावा रैपिड एक्शन फोर्स की टीमें किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए मुस्तैद रहीं. दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 50 हजार से पुलिसकर्मियों, अर्धसैनिक बल और रिजर्व फोर्स की तैनाती रही.तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में हाईवे पर किसानों ने चक्काजाम कर धरना दिया. वामपंथी संगठनों के कार्यकर्ता भी इसमें शामिल हुए.
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