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फरीदाबाद,16 फरवरी।
कैबिनेट मंत्री प.मूलचंद शर्मा ने कहा की कर्मचारियों की मांगों का बातचीत से समाधान कराने के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की सभी जायंज मांगों का सरकार अवश्य समाधान करेंगी। कैबिनेट मंत्री ने यह आश्वासन मंगलवार को लंबित मांगों को लेकर सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रतिनिधिमंडल द्वारा दिए ज्ञापन के उपरांत कर्मचारियों को संबोधित करते हुए दिया। कैबिनेट मंत्री को सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा द्वारा दिए ज्ञापन में डीए व एलटीसी बहाल करने, छंटनी किए गए कर्मियों को वापस सेवा में लेने, ठेका प्रथा समाप्त करने, पुरानी पेंशन बहाल करने व टूरिज्म सहित अन्य विभागों के कर्मियों के बकाया वेतन देने आदि प्रमुख हैं। कर्मचारियों का नेतृत्व सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, अभारासक महासंघ के कोषाध्यक्ष श्रीपाल सिंह भाटी, जिला प्रधान अशोक कुमार, सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर, उप प्रधान अतर सिंह केशवाल व प्रेस सचिव राजबेल देसवाल,खंड प्रधान करतार सिंह व सचिव सुभाष देसवाल आदि कर रहे थे। प्रदर्शन में किसान आंदोलन का समर्थन किया और केन्द्र सरकार की किसान विरोधी तीन कृषि कानूनों को रद्द न करने की हठधर्मिता की घोर निन्दा की गई। किसानों का समर्थन करने पर दो जेबीटी टीचरों व प्रोग्राम आफिसर को निलंबित किया गया है। उन्होंने सरकार के इस कदम को अलोकतांत्रिक एवं जनवादी अधिकारों पर हमला बताते हुए इसकी घोर निन्दा की।
कर्मचारियों को संबोधित करते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने कहा कि सरकार लंबित मांगों का समाधान करने की बजाय उनका दमन एवं उत्पीड़न करके दबाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा व जजपा ने चुनावी घोषणा पत्र में ठेका प्रथा समाप्त कर ठेका कर्मियों को पक्का करने, पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने, पंजाब के समान वेतन व पेंशन देने, आंगनबाड़ी, आशा व मिड डे मील वर्करों के मानदेय में बढ़ोतरी करने आदि अनेक वादे किए थे। लेकिन सरकार ने इन वादों को पूरा करने की बजाय सरकारी विभागों को निजी हाथों में सौंपने की मुहिम को तेज कर दिया है। इसके साथ ही कोविड 19 को अवसर में बदलकर श्रम कानूनों को समाप्त कर लेबर कोड्स बना दिए हैं और कर्मचारियों के डीए व एलटीसी को बंद कर दिया है और इसमें पेंशनर्स तक को नही बक्शा गया। उन्होंने कहा कि प्री मेच्योर रिटायरमेंट करने, प्रमोशन व एसीपी में टेस्ट की शर्त लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी देकर सरकार ने कर्मचारियों पर ताजा हमले किए गए। प्रदर्शन में अन्य के अलावा सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा व विभागीय संगठनों के पदाधिकारी शब्बीर अहमद गनी, दिनेश शर्मा, डिगम्बर डागर, बीरेंद्र शर्मा, गुरचरण खाडियां, बल्लू प्रधान, गांधी सहरावत, अतर सिंह केशवाल आदि मौजूद थे।
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