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लंबित मांगों की प्राप्ति के लिए उपायुक्त कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया

Posted by : pramod goyal on : Wednesday 17 February 2021 0 comments
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 फरीदाबाद 17 फरवरी हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन जिला कमेटी फरीदाबाद ने राज्य कमेटी के आव्हान पर अपनी लंबित मांगों की प्राप्ति के लिए आज सोमवार को उपायुक्त कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया। इस धरने के मार्फत प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम मांगों का ज्ञापन तहसीलदार जान मोहम्मद को सौंपा गया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज बड़े सवेरे फरीदाबाद जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत पीडब्ल्यूडी के कर्मचारी अपने-अपने वाहनों में बैठकर नारे लगाते हुए धरना स्थल पर पहुंचे। कर्मचारी पीडब्ल्यूडी के विभागों का निजीकरण बंद करो, पंचायती पंप ऑपरेटरों को, न्यूनतम वेतन लागू करो, कैनाल गार्डों को तृतीय श्रेणी का दर्जा दो के नारे लगा रहे थे। धरने की अध्यक्षता जिला प्रधान अतर सिंह ने की जबकि संचालन गांधी शेरावत ने किया। इस अवसर पर सर्व कर्मचारी संघ के राज्य अध्यक्ष सुभाष लांबा पीडब्ल्यूडी के पूर्व प्रांतीय प्रधान एवं सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल, यूनियन की केंद्रीय कमेटी के सदस्य योगेश शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे। कर्मचारियों को संबोधित करते हुए सुभाष लांबा ने राज्य सरकार पर कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, नई पेंशन स्कीम को रद्द करके पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग को उठाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की मांगों को लागू नहीं कर रही है। धरने पर बोलते हुए विरेंदर सिंह डंगवाल ने कहां की सरकार तीनों विभागों के विस्तार के लिए अधिक निवेश नहीं करना चाहती है। जबकि इन तीनों विभागों का कार्य प्रदेश की जनता को निशुल्क जन सेवाएं उपलब्ध करवाने का है। अब सरकार जन कल्याण के कार्यों को छोड़ते जा रही है। इस उद्देश्य के लिए जनता की गाढ़ी कमाई से निर्मित सार्वजनिक क्षेत्रों का धीरे-धीरे निजीकरण किया जा रहा है। लेकिन किसी भी सूरत में विभागों का निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा इसके लिए आंदोलन को तेज करने की योजना बनाई गई है आगामी 14 मार्च को प्रदेश के मुख्यमंत्री के गृह जिले करनाल में यूनियन राज्य स्तर की रैली भी करेगी। उन्होंने बताया कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में पेयजल व सीवरेज के कार्यों को नगर निगम एवं पंचायतों को हस्तांतरित किया जा रहा है जबकि जन स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में संसाधन हैं। जो प्रदेश की शहरी और ग्रामीण आबादी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाते हैं। विभाग के कर्मचारी पानी में फिटकरी और ट्विन ऑक्साइड नामक दवाई मिलाकर उसके कीटाणु समाप्त करके पानी सप्लाई करते है। ताकि आम जनता को अशुद्ध पेयजल से होने वाली बीमारियों से बचाया जा सके। लेकिन अब सरकार जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की पानी की टेस्टिंग की प्रयोगशालाओं को बंद कर रही है। इनमें काम करने वाले प्रयोगशाला विशेषज्ञों के पदों को समाप्त किया जा रहा है। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के द्वारा वाटर सप्लाई के लिए बनाए जाने वाली ओवरहेड सर्विस रिजर्वायर्स के निर्माण को बंद कर दिया है। इतना ही नहीं जल वितरण के लिए पाइप लाइनों की रिपेयरिंग नलकूपों को लगाने के कार्य भी ठेकेदार


से ही करवाए जा रहे हैं। अमरूत जलधारा योजना के तहत नगर पालिकाओं और नगर परिषदों के जन स्वास्थ्य विभाग के जल घरों को भी हस्तांतरित किया जा रहा है। इस कार्य को करने से जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग का परंपरागत स्वरूप समाप्त हो जाएगा और पूरे प्रदेश में सीवरेज और पानी की प्रणाली गड़बड़ा जाएगी। क्योंकि इनके निर्माण में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के इंजीनियरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्हें वाटर सप्लाई की पाइप लाइन का समुचित ज्ञान है। जबकि नगर निगम और नगर पालिकाओं और परिषदों के   अधिकारियों के पास पर्याप्त संसाधन नहीं और अनुभव का अभाव भी है। इतना ही नहीं इस सरकार ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के टर्म अप्वाइंटी सहित सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की योजना भी नहीं  बनाई जबकि यूनियन की मांग है। कि जॉब वर्क और ठेकेदार के माध्यम से काम करने वाले कर्मचारियों को भी विभाग के रोल पर लेने और सभी प्रकार के पंचायती पंप चालकों को निर्देशक पंचायत एंवम विकास विभाग द्वारा जारी पूर्णकालिक कर्मचारी का वेतन दिए जाने की मांग कर रही है। यूनियन की मुख्य मांगों में तीनों विभागों में कार्यरत कर्मचारियों की सेवा नियम और वेतनमान की विसंगतियों को दूर करने, समान काम के लिए समान वेतन देने, के साथ-साथ सिंचाई विभाग में कार्यरत कैनाल गार्ड को फॉरेस्ट गार्ड की तर्ज पर को तृतीय श्रेणी के कर्मचारी का दर्जा देने, गेज रीडर और मेट के पद को पदोन्नत पद होने के कारण उन्हें क्लास थ्री का कर्मचारी घोषित करने, पीडब्ल्यूडी के तीन विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को पदोन्नति के उपरांत जिन पदों का वेतन एक समान रहता है। उन्हें एक विशेष वेतन वृद्धि देने। तीनों विभागों में व्यक्तिगत पदों को जनरल पद बनाया जाने ग्रुप डी से लिपिक के पद पर पदस्थ कर्मचारियों को टाइप टेस्ट की छूट देने, इन विभागों में नए पद सृजित कर नई भर्ती की जाने, और तीनों भाग में जोखिम भरा कार्य करने वाले कर्मचारियों को जोखिम भत्ता देना इत्यादि हैं इसके अलावा सड़कों के पैच वर्क के कार्य को विभाग के कर्मचारियों से कराने की मांग भी की गई। धरने को हुड्डा जन स्वास्थ्य कर्मचारी यूनियन के सर कल सेक्रेटरी धर्मवीर वैष्णव, उप प्रधान हवा सिंह, धीरज सिंह चंदेला, ने भी संबोधित किया। इसके अलावा सर्व कर्मचारी संघ की पूर्व उप प्रधान और बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी यूनियन की राज्य अध्यक्ष आशा शर्मा ने भी धरने को अपना समर्थन दिया। इस मौके पर  बी एंड आर  ब्रांच के प्रधान कपी, सिंचाई ब्रांच के प्रधान एवं सर्व कर्मचारी संघ के ब्लॉक फरीदाबाद के सचिव जगदीश चंद्र सिंचाई ब्रांच के सचिव देवी सिंह, जिला के उपप्रधान कुंवर पाल हुड्डा, राजकुमार, कोषाध्यक्ष, धर्म सिंह ब्रांच प्रधान मैकेनिकल, कृष्ण बहादुर, मोहनलाल गौतम, मनीष कुमार, उमर उद्दीन, शहाबुद्दीन, डालचंद, शर्मा, जयपाल सिंह, रमेश वर्मा प्रतापगढ़, मोहन, हुकम चंद धरती र, इत्यादि ने भी संबोधित किया।


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