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उपायुक्त कार्यालय पर कर्मचारी एवं मजदूरों का जोरदार प्रदर्शन

Posted by : pramod goyal on : Tuesday 12 January 2021 0 comments
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 फरीदाबाद, 12 जनवरी। कर्मचारियों एवं मजदूरों के संयुक्त आह्वान पर आज सैक्टर-12 स्थित उपायुक्त कार्यालय पर कर्मचारी एवं मजदूरों ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए तहसीलदार रणविजय को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित कर किसान विरोधी कृषि कानूनों व बिजली संशोधन बिल 2020 को वापिस लेने, जनसेवा के विभागों को निजी घरानों को सौंपने, पक्का करने की स्थाई नीति बनाने व जनतंत्र अधिकारों पर किये जा रहे हमलो पर रोक लगाने की मांग की। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने ऐलान किया कि 20 जनवरी को दिल्ली के ढासा बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, पलवल बॉर्डर पर  प्रदर्शन कर  किसानों के आंदोलन  का समर्थन करेंगे।

गौरतलब है कि इससे पहले यह कर्मचारी टाउन पार्क स्थित ओपन थिएटर में एकत्रित हुए और सीआईटू के जिला प्रधान निरंतर पाराशर व सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला प्रधान अशोक कुमार की संयुक्त अध्यक्षता में विशाल विरोध सभा का आयोजन किया गया। इस सभा का संचालन सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर ने किया। सभा को संबोधित करते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने कहा कि सरकार ने कोरोना की आड में कर्मचारियों एवं मजदूरों के ऊपर तीखे हमले किए हैं।
श्री शास्त्री ने कहा सरकार द्वारा डीए की किस्त और एलटीसी बंद करना, जबरन रिटायर करने का फरमान जारी करना, कानूनों में संशोधन कर पूंजीपतियों के हक में तीन श्रम कोड बनाना, जबरन ऑनलाइन तबादला नीति बनाना, सरकार की तानाशाही के प्रत्यक्ष प्रमाण है। वर्तमान सरकार ने जुलाई 2019 में प्रदेश के विभिन्न कर्मचारी संगठनों एवं मजदूरों से वार्ता की थी। इस वार्ता में सरकार द्वारा मानी गई मांगों के पत्र आज तक जारी नहीं किये  एक्सग्रेसिया रोजगार नीति के तहत मृतक कर्मचारी के आश्रित को जो नौकरी देने का पत्र जारी किया गया। उसमें कठिन शर्तें लगाकर कर्मचारियों के आश्रितों के साथ भद्दा मजाक किया है। संघ इसको बर्दाश्त नहीं करेगा और इसके खिलाफ आंदोलन करेगा। आंदोलन से पहले  संघ कर्मचारियों की न्याय उचित मांग  जैसे नौकरी से निकाले गए सभी कर्मचारियों को वापस ड्यूटी पर लेने, ठेका प्रथा समाप्त कर सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, पक्का होने तक समान काम समान वेतन देने, सेवा सुरक्षा प्रदान करने, एनपीएस रद्द कर पुरानी पेंशन बहाल करने, श्रम कानूनों की जगह बनाए गए लेबर कोड सहित तीनों कृषि कानूनों व बिजली संशोधन बिल 2020 को वापस लेने, डीए पर लगाई गई रोक को हटाने व कटौती किए गए डीए का भुगतान करने, प्रीमेच्योर रिटायरमेंट के आदेश वापस लेने, प्रमोशन में टेस्ट की शर्त लगाने के प्रस्ताव को रद्द करने, वर्क लोड के अनुपात में नए पद सृजित कर सभी खाली पदों को नई भर्ती से भरने, आरक्षित श्रेणियों के बैकलॉग को विशेष भर्ती अभियान चलाकर भरने, जन सेवाओं के किए जा रहे निजीकरण पर रोक लगाई जाए, एक्स ग्रेशिया रोजगार स्कीम में लगाई गई शर्तों को हटाने, नेशनल एजुकेशन पॉलिसी, ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी में संगठनों के सुझाव के अनुसार संशोधन करने,

तथा जनतांत्रिक अधिकारों पर किए जा रहे हमलो व अन्य मांगों का मांग पत्र सरकार को देगा। और इसके बाद प्रदेश में कर्मचारियों का एक व्यापक आंदोलन चलाया जाएगा।
कर्मचारियों को संबोधित करते हुए सीआईटू के नेता विरेंद्र डंगवाल ने कहा कि सरकार मजदूर व कर्मचारी संगठनों से बातचीत केवल बातचीत करने के लिए करती है इससे मजदूर कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता। श्री डंगवाल ने कृषि के लिए बनाए गए तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए कहा पूरे देश के मजदूर और कर्मचारी किसानों के आंदोलन के साथ हैं और सरकार ने किसी भी प्रकार का आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया तो देश का मजदूर कर्मचारी इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।
आज की सभा को अन्य के अलावा कर्मी नेता लाल बाबू शर्मा, हेमलता, दिनेश पाली, सुनील चिंडालिया,   अतरसिंह केशवाल, राजबेल देशवाल, डिगम्बर डागर, मास्टर भीम सिंह, दिनेश, गुरचरण, शब्बीर अहमद गनी, धर्मवीर वैष्णव, सोमपाल झिंझोटिया, मुकेश बैनिवाल, बल्लूराम चिंडालिया, करतार सिंह, जगदीश चंद्र, रमेश चंद्र, गिरीश मुरारी लाल, श्रीनंद ढकोलिया, रघुबीर चौटाला, दर्शन सिंह सोया, दिनेश, नरेश कुमार हुड्डा नेताओं ने भी सम्बोधित किया।

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