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पुलिस के दिए रूट पर बैरिकेड थे, दिल्ली जाने का रास्ता खुला था, यह साज़िश किसकी थी - राकेश टिकैत का सवाल

Posted by : pramod goyal on : Wednesday, 27 January 2021 0 comments
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गणतंत्र दिवस पर किसानों की रैली के बेकाबू हो जाने और आईटीओ, लालकिला और नांगलोई समेत दिल्ली में कई जगहों पर हुई हिंसा को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने बयान दिया है. उनका कहना है कि लाल किले पर जाने की हमारी कोई योजना नहीं थी और न ही कोई हमारी कोई झंडा फहराने की योजना थी, जिसने झंडा फहराने की कोशिश की उसका इलाज करो. तिरंगे का


कोई अपमान नहीं कर सकता. धार्मिक झंडा फहराने की कोशिश की. सिख्जिम को भारत से अलग करने की कोशिश की, उसके खिलाफ कार्रवाई करें, ये एक बड़ा षडयंत्र था, जिसे किसानों और पुलिस की सूझबूझ से नाकाम बनाया गया. 5 बजे तक दिल्ली खाली हो चुकी थी. रात को भी हमने पुलिस को कुछ लोगों को सौंपा जिन्होंने पुलिसवालों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की थी. उन्हें ये आंदोलन और स्थान छोड़ना पड़ेगा. उनके खिलाफ कार्रवाई करवाएंगे. कि इसकी भी जांच होनी चाहिए कि जो रूट पुलिस ने दिया उस पर बैरिकेड्स होंगे और दिल्ली जाने वाला रास्ता खुला होगा, ये साजिशकिसने रची. दिल्ली में किसानों को किसने जाने दिया, इसकी पूरी जांच होनी चाहिए. जो रास्ता दिया गया था, जिस पर किसान जा रहे थे, उस पर पक्कीबैरिकेटिंग और अपनी फोर्स भी रखोगे और वाटर केनन भी. दिल्ली वाला रास्ता खुला रखोगे, इसका गणितबाज कौन है, हमें तो उससे मिलना है. टिकैत ने येआरोप भी लगाया कि कितने किसानों के ट्रैक्टर तोड़े गए, ये नहीं दिखाया गया. करीब 400 ट्रैक्टर-गाड़ियां तोड़ी गईं. 

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