HEADLINES


More

प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम का गांवों में किसानों ने थालियां बजाकर विरोध किया

Posted by : pramod goyal on : Sunday 27 December 2020 0 comments
pramod goyal
//# Adsense Code Here #//

 फरीदाबाद,27 दिसंबर।


प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम का रविवार को गांवों में किसानों ने थालियां बजाकर विरोध किया। विरोध का यह आह्वान तीन कृषि कानूनों व बिजली संशोधन बिल को वापस लेने की मांग को लेकर देशभर में आंदोलन चला रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने किया था। किसान मोर्चा के आह्वान पर रविवार को खेड़ी कलां गांव में प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम में थालियां बजाकर विरोध करने के बाद एक किसान सभा का आयोजन किया। सभा में सैकड़ों की संख्या में किसानो ने भाग लिया। सभा में किसान संधर्ष समिति नहर पार के संयोजक सतपाल नरवत, अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष नवल सिंह, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, किसान संधर्ष समिति के सदस्य रतन लाल राणा,धर्मपाल चहल, पूर्व सरपंच जिले सिंह ,फूलसिंह व सतन सिंह,धर्म बाबू, पंडित प्रताप सिंह, ऋषि पाल जांगड़ा आदि विशेष तौर पर उपस्थित थे। सभा में सर्व सम्मति से पारित किए गए प्रस्ताव में केन्द्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों व बिजली संशोधन बिल को वापस न लेने की हठधर्मिता की घोर निन्दा की ओर आंदोलन का तन-मन-धन से सहयोग एवं समर्थन करने का फैसला लिया गया। सभा में आंदोलन के दौरान शहीद हुए 40 किसानों की शहादत पर प्रधानमंत्री सहित सभी केंद्रीय व राज्य सरकार के मंत्रियों द्वारा शोक तक व्यक्त न करने पर कड़ी नाराजगी जताई गई। सभा में तीनों कृषि कानूनों व बिजली संशोधन बिल को किसानों के लिए डेथ वारंट बताया गया और इनके वापस लेने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही गई।


किसान नेता सतपाल नरवत व नवल सिंह के किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री अपने मन की बात तो कर रहे हैं, लेकिन किसानों के मन की बात सुनने का समय उनके पास नही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार किसानों से बात करने का दिखावा कर रही है और दुसरी तरफ प्रधानमंत्री कृषि कानूनों को किसानों के फायदे में बता रहे हैं। इसलिए तीनों कृषि कानूनों व बिजली संशोधन बिल को समाप्त करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत का कोई औचित्य ही नहीं बचता है। उन्होंने 25 दिसंबर को 9 करोड़ किसानों के खातों में पीएम सम्मान निधि योजना के तहत 18 हजार करोड़ डालने पर कहा कि यह पीएम के निजी खाते नही दिया गया है। यह सब सरकार का पैसा है। उन्होंने कहा कि अगर स्वामीनाथन आयोग के सी2 फार्मूले के अनुसार एमएसपी ने मिलने और डीजल के दाम बढने से किसानों को लाखों का नुक्सान उठाना पड़ रहा है। इसके लिए सरकार ही जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की मांगों को मानकर आंदोलन समाप्त करवाने की बजाय आंदोलन को बदनाम करने के लिए शर्मनाक तरीके से देशभर में अभियान चला कर जले पर नमक छिड़कने का काम कर रही है।

सभा में हरपाल सिंह,हुकम सिंह,बंसू, प्रकाश चन्द्र,जगदीश,मंगली राम, धर्मपाल, महेंद्र सिंह, ब्रह्मजीत,सतन सिंह पूर्व सरपंच, रामरतन, रोबिन,किशन सिंह,जिले, रणजीत सिंह,वेद पाल, बुद्धि, लज्जा राम,धर्मी, घूरेलाल,मोहन लाल,हौराम, हरिकिशन,नानक चंद, रामदेव डागर, कप्तान, बिजेंद्र आदि मौजूद थे।

No comments :

Leave a Reply