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आल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन आईपा ने प्रधानमंत्री व केंद्रीय शिक्षामंत्री को पत्र लिखकर नई शिक्षा नीति में उच्च शिक्षण संस्थान व कॉलेज तथा सीबीएसई व राज्य बोर्डों के प्राइवेट स्कूलों के लिए वैधानिक फीस व फंड्स निर्धारित करने के लिए एक मजबूत और पारदर्शी तंत्र व आयोग बनाने और केंद्रीय कानून बनाने की मांग की है जिससे इनके द्वारा किए जा रहे शिक्षा के व्यवसायीकरण व मनमानी पर पूरी तरह से रोक लग सके। आईपा ने इस मांग के अलावा एक ग्यारह सूत्री मांगपत्र प्रधानमंत्री को
भेजकर उस पर उचित कार्रवाई करने की अपील की है।आईपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ एडवोकेट अशोक अग्रवाल व राष्ट्रीय महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि आइपा की राष्ट्रीय कोर कमेटी की रविवार को ज़ूम मीटिंग आयोजित की गई जिसमें नई शिक्षा नीति को लेकर विचार विमर्श किया गया। इसमें सभी ने अपनी राय प्रकट करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति में शिक्षा के व्यवसायीकरण पर पूरी तरह से रोक लगाने व सरकारी कॉलेज व स्कूलों की दशा में गुणात्मक सुधार करने के बारे में कोई भी बात नहीं कही गई है। इन दोनों महत्वपूर्ण मुद्दों को शिक्षा नीति में शामिल करना बहुत जरूरी है।अतः आइपा की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आइपा की इस मांग व अन्य 11 मांगों पर उचित कार्रवाई करने की अपील की है।
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