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फरीदाबाद। आज सैंकड़ो छात्र-छात्राओं ने एनएसयूआई के बैनरतले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर तथा गृह एवं स्वास्थ्य शिक्षा मंत्री अनिल विज का पुतला फूंका। प्रदर्शन करने का मुख्य कारण मेडिकल के छात्रों की फीस 53 हजार से बढ़ाकर 10 लाख कर देना तथा सभी कॉलेजों की स्नातक कक्षाओं में छात्रों की मांग के बावजूद 20 प्रतिशत सीट ना बढ़ाना हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों ने खट्टर सरकार मुर्दाबाद, अनिल विज मुर्दाबाद के जमकर नारे लगाए। इस प्रदर्शन का नेतृत्व एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री ने किया।
इस दौरान एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री ने कहा कि एमबीबीएस के छात्रों की फीस 53 हजार रुपये से बढ़ाकर सीधा 10 लाख रुपये कर दी गई हैं जोकि सीधा-सीधा गरीब, किसान, मजदूरों के बच्चों को डॉक्टर की पढ़ाई ना करने देने की मंशा से की गई हैं। कृष्ण अत्री ने कहा कि इस युवा विरोधी फैसले के कारण प्रदेशभर के एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्रों को 10 लाख का बांड प्रति वर्ष देना होगा। साढ़े चार साल के कोर्स में कुल 40 लाख का बांड देना होगा। पहले वर्ष की फीस 80 हजार रुपये हैं जिसमें प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती जायेगी। दूसरे वर्ष के लिए 88 हजार, तीसरे वर्ष के लिए 96800 तथा चौथे वर्ष के लिए 106480 रुपये हों जायेगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा की खट्टर सरकार ऐसा करने वाली पहली सरकार हैं जिसने गरीब, किसान, मजदूर परिवारों के छात्रों को डॉक्टर बनने से रोकने की साजिश की है तथा उन्हें कर्ज के दलदल में धकेलना चाहती हैं। खट्टर सरकार के इस फैसले ने ये साबित कर दिया कि भाजपा सिर्फ पूंजीपतियों के बारे में सोचती हैं, उसे गरीब-किसान परिवारों से आने वाले मेधावी छात्रों से कोई हमदर्दी नहीं हैं।
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