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पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में सैकड़ों आशा वर्करों ने प्रदर्शन किया

Posted by : pramod goyal on : Wednesday 21 October 2020 0 comments
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 फरीदाबाद 21 अक्टूबर - आशा वर्कर यूनियन की सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने  आज बुधवार को  करनाल में कल आशा वर्करों पर पुलिस द्वारा किए गए बर्बर लाठीचार्ज के विरोध में बीके नगर निगम चौक से नीलम चौक तक प्रदर्शन किया। तथा बीके


नगर निगम चौक पर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पुतला फूंका। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जिलेभर की सैकड़ों आशा वर्करों बादशाह खान अस्पताल के बाहर धरना स्थल पर एकत्रित हुई। यहां पर विरोध सभा का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता जिला प्रधान हेमलता ने की जबकि संचालन सुशीला चौधरी ने किया। आशा वर्करों को संबोधित करते हुए सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने सरकार पर आशा वर्करों की मांगों को लागू करने के बजाए हठधर्मिता का रास्ता अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि सरकार वादाखिलाफी कर रही है। उन्होने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार  महिलाओं के मुद्दों को गंभीरता से नहीं लेती है। तीन बार मीटिंग का समय देने के बाद भी बात न करना इसका जीता जागता प्रमाण है।  उन्होंने कहा कि  कहा कि प्रदेश भर में आशा वर्कर सात अगस्त से संघर्ष कर रही है। 26 अगस्त को विधानसभा सत्र के दौरान पंचकूला में  मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री कृष्ण बेदी के आश्वासन पर प्रदेशभर में आशा वर्कर्स ने हड़ताल स्थगित करके ,आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया था l परंतु सरकार ने बार-बार केवल आश्वासन दिए हैं .26 अगस्त को कहा गया था कि मुख्यमंत्री कोरोना संक्रमित हो गए हैं, जैसे ही ठीक हो जाएंगे सबसे पहले आशा वर्कर्स के प्रतिनिधियों की मीटिंग मुख्यमंत्री जी के साथ करा दी जाएगी और सभी समस्याओं का समाधान करके प्रदेशभर की आशा वर्करों को दिवाली का तोहफा दिया जाएगा. 8 अक्टूबर को करनाल में धरना प्रदर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री के ओएसडी द्वारा लिखित में 20 अक्टूबर को मुख्यमंत्री जी से मीटिंग का आश्वासन दिया गया था , परंतु 19 अक्टूबर तक भी यूनियन के प्रतिनिधियों के पास मीटिंग की कोई सूचना नहीं  दी गई। सरकार की टालमटोल की नीति से उसका रुख स्पष्ट होता है। जब 20  अक्टूबर को मुख्यमंत्री आवास पर मिटीग की जानकारी लेने आशाएं जा रही थी तो उन पर लाठी चार्ज करके हरियाणा सरकार ने अपना असली चेहरा दिखा दिया है।इसके कारण काफी आशाओं को गंभीर चोटें आई हैं. हरियाणा सरकार कभी किसानों को पिटती है ,कभी बेरोजगार नौजवानों पर लाठी चार्ज करती है। इस के साथ साथ रोजगार की मांग करने वाले मजदूरों पर भी दमनकारी नीतियां अपनाई जाती है। जब कर्मचारी सेवाओं की बहाली की मांग करते हैं तो उन पर भी लाठीचार्ज किया जाता है।और अब महिलाओं को भी नहीं बख्शा जा रहा है। सरकार की इस दमनकारी नीति को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है इसके विरोध में कल 22 अक्टूबर को गोहाना की नई अनाज  मंडी में राज्य स्तरीय रैली होगी। जिसमें हजारों आशा वर्कर भाग लेंगी। फरीदाबाद से भी से भी सैकड़ों कार्यकर्ता इस रैली में शामिल होंगे। सरकार को  दमनकारी नीतियां अपनाने का करारा जवाब दिया जाएगा। आज के प्रदर्शन को सीटू के जिला प्रधान निरंतर पराशर, सीटू के जिला सचिव लालबाबू शर्मा, बैंक कर्मचारी नेता ओम प्रकाश, सीटू के उप प्रधान विजय झा , नीलम जोशी, पूजा गुप्ता, पूजा ठाकुर, सुशीला चौधरी, मिड डे मील की जिला प्रधान कमलेश चौधरी इत्यादि ने भी संबोधित किया। यूनियन की मुख्य मांगे निम्न प्रकार हैं


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