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फरीदाबाद:20 अक्टूबर । बीते शनिवार को एनआईटी क्षेत्र के अन्तर्गत महिला थाने में पुलिस के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज होने पर पत्रकार मोहन तिवारी द्दारा खबर प्रकाशित किये जाने को लेकर पुलिस प्रवक्त द्दारा सूचना ग्रुप्स से बाहर किये जाने के खिलाफ मोहन तिवारी ने 5 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे गये है। मोहन तिवारी ने कहा कि आये दिन शहर के पुलिस प्रवक्ता द्दारा फ़ोन रिसीव नही किया जाता है और नाही उनके संबधित उच्च अधिकारियों द्दारा इस मसले पर कोई गंभीरता से कार्यवाही
की जाती है।
पत्रकार मोहन तिवारी ने कहा कि ऐसा लग रहा है सच्चाई की राह पर चलने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है ताकि लोकतंत्र की मर्यादाओ की रक्षा करने वाले गरीबों , बेसहारा लोगो को एवम शाशन- प्रशासन से प्रताड़ित लोगो की आवाज को बुलंद करने वाले ऐसे बुद्धिजीवी पत्रकार लोग जो सरकार एवम पुलिस प्रशासन की खामियां को उजागर न कर सके। उन्होंने कहा कि यदि इस पर तत्काल कोई ठोस कदम नही उठाया गया तो सामज में अराजकता की स्थिति उतपन्न हो जाएगी और जनता का विश्वास पुलिस एवम प्रशाशन से पूरी तरह से उठ जाएगा।
पुलिस पर विश्वास बना होता तो पुलिस बाले कोठियां न बना लेते। पुलिस चौकियों पर जो मन्दिर बनें हैं वह रिश्वत लेकर बनाएं गए हैं। ईमानदारी पुलिस में काफी कम है। ईमानदार पुलिस अधिकारी भी परेशान रहते हैं।
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