//# Adsense Code Here #//
गुरुग्राम. कुछ निजी अस्पतालों ने कोरोना महामारी को भी पैसा कमाने का जरिया बना लिया है. सरकार ने कोविड-19
इलाज के लिए रेट तय किए हैं लेकिन इन अस्पतालों की मनमानी कहां रूकने वाली थी. गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल ने एक कोरोना मरीज के इलाज का बिल 28 लाख बना दिया.
धरती पर भगवान का अवतार कहे जाने वाले डॉक्टरों पर कई बार सवाल उठ चुके हैं. कुछ निजी अस्पताल कैसे मरीज की बीमारी बेबसी का फायदा उठाकर मोटी रकम वसूलते हैं ये किसी से छिपा नहीं है. कोरोना महामारी में डॉक्टर्स ने जान खतरे में डालकर मरीजों का इलाज किया और देश ने इन्हें सिर आंखों पर बैठा लिया. लेकिन सच्चाई ये भी है कि अभी भी इस पेशे से जुड़े कुछ लोग सफेद कपड़ों के पीछे काली कमाई के इरादे पाले बैठे रहते हैं.
इस बार मामला गुरुग्राम का है. मेदांता अस्तपाल पर आरोप हैं कि इलाज के पूरे पैसे नहीं देने के चलते मरीज को डिस्चार्ज नहीं किया. शिकायत में ये भी आरोप है कि कोरोना मरीज़ का 40 दिन के इलाज का बिल 28 लाख बना दिया.
इलाज के लिए रेट तय किए हैं लेकिन इन अस्पतालों की मनमानी कहां रूकने वाली थी. गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल ने एक कोरोना मरीज के इलाज का बिल 28 लाख बना दिया.
धरती पर भगवान का अवतार कहे जाने वाले डॉक्टरों पर कई बार सवाल उठ चुके हैं. कुछ निजी अस्पताल कैसे मरीज की बीमारी बेबसी का फायदा उठाकर मोटी रकम वसूलते हैं ये किसी से छिपा नहीं है. कोरोना महामारी में डॉक्टर्स ने जान खतरे में डालकर मरीजों का इलाज किया और देश ने इन्हें सिर आंखों पर बैठा लिया. लेकिन सच्चाई ये भी है कि अभी भी इस पेशे से जुड़े कुछ लोग सफेद कपड़ों के पीछे काली कमाई के इरादे पाले बैठे रहते हैं.
इस बार मामला गुरुग्राम का है. मेदांता अस्तपाल पर आरोप हैं कि इलाज के पूरे पैसे नहीं देने के चलते मरीज को डिस्चार्ज नहीं किया. शिकायत में ये भी आरोप है कि कोरोना मरीज़ का 40 दिन के इलाज का बिल 28 लाख बना दिया.
No comments :